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कोई भी देश सरकारों या उनकी नीतियों से नहीं बल्कि बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दम पर बनता विकसित देश: सिसोदिया

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नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने “मेरिट कम मीन्स लिंक्ड फाइनेंशियल असिस्टेंस स्कीम” के तहत विद्यार्थियों को 48.14 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता दी। इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दुनिया ने 3 तरह के देश होते है। विकसित देश, विकासशील देश व अविकसित देश| जब हम स्कूल में पढ़ते थे तब भी भारत विकासशील देशों की श्रेणी में था और आज भी भारत विकसित देशों की श्रेणी में है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश सरकारों की नीतियों से नहीं बल्कि बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दम पर विकसित देश बनता है।

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सिसोदिया ने लाभार्थियों से अपील करते हुए कहा कि “जब समाज और सरकार की ओर से आपकी शिक्षा के लिए ऐसा कदम उठाया जा रहा है तो आप सभी की ये जिम्मेदारी है कि आप एक देशभक्त नागरिक के रूप में एक अच्छा बिजनेसमैन, एक अच्छा अफसर, एक अच्छा शिक्षक बनकर देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाए| इसकी शुरुआत “देश का मेंटर’ बनकर करे और दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले उन बच्चों की मदद करे जिनमे प्रतिभा तो है लेकिन अपनी प्रतिभा को दिशा देने के लिए गाइडेंस की जरुरत है।

उन्होनें कहा कि आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है। हर साल दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों से 2.5 लाख बच्चे 12वीं पास करके निकलते है| और यदि ये सभी ग्रेजुएशन करने के बाद नौकरी करने की लाइन में खड़े होंगे तो जॉब प्रोवाइडर्स कहां से आयेंगे। जबतक भारत के कॉलेजों से नौकरी पाने वाले छात्र निकलते रहेंगे तबतक भारत विकसित देशों की श्रेणी में नहीं आएगा। इसलिए हमें भारत को जॉब प्रोवाइडर्स का देश बनाना होगा। आज हमें ये सुन कर ख़ुशी होती है कि हमारे छात्र गूगल जैसी कंपनी चला रहे है लेकिन भारत तब विकसित होगा जब हमारे छात्र गूगल जैसी कंपनी बनाना शुरू कर देंगे।

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