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Delhi Secretariat: मुख्य सचिव नियुक्ति मामले में हस्तक्षेप करने से कोर्ट ने किया इनकार

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Delhi Secretariat: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 29 नवंबर को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को छह महीने का विस्तार देने के केंद्र के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने यह भी माना कि केंद्र के पास राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासन पर 2024 के कानून के तहत दिल्ली के मुख्य सचिव को नियुक्त करने की शक्ति है। यह बात तब सामने आई है जब एक दिन पहले केंद्र द्वारा इस कदम के बारे में सूचित किए जाने पर अदालत ने पूछा था कि क्या कुमार के उत्तराधिकारी के लिए कोई अन्य योग्य या सक्षम अधिकारी नहीं है।

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Delhi Secretariat: कार्यकाल बढ़ाने के खिलाफ सुनवाई

पिछली सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के साथ न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा था, “आप नियुक्ति करना चाहते हैं, कर लें। क्या आपके पास कोई आईएएस अधिकारी नहीं है जिसे दिल्ली का मुख्य सचिव बनाया जा सके? नए मुख्य सचिव की नियुक्ति की वजह से दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच विवाद की नई वजह है। बता दें कि शीर्ष अदालत बिना किसी परामर्श के नये मुख्य सचिव की नियुक्ति या मौजूदा शीर्ष सिविल सेवक नरेश कुमार का कार्यकाल बढ़ाने के केंद्र के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

Delhi Secretariat: दिल्ली सरकार ने उठाया सवाल

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने सवाल उठाया है कि केंद्र बिना किसी परामर्श के मुख्य सचिव की नियुक्ति कैसे आगे बढ़ा सकता है जबकि नया कानून चुनौती में है। 24 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने केंद्र को मुख्य सचिव पद के लिए पांच अधिकारियों के नाम प्रस्तावित करने का सुझाव दिया था, जिनमें से दिल्ली सरकार किसी को भी चुन सकती है। इस महीने की शुरुआत में, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में मौजूदा मुख्य सचिव को तत्काल हटाने की मांग की थी।

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