दिल्ली: एक ही विषय पर बार-बार याचिका दायर करना पड़ा महंगा, भरना पड़ा 3 लाख जुर्माना

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट पर ड्रग प्लांटिंग मामले के संबंध में बार-बार याचिका दायर करने के लिए ₹3 लाख का जुर्माना लगाया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि संजीव भट्ट बार-बार याचिकाएं दायर कर रहे हैं और भट्ट द्वारा दायर तीन याचिकाओं में से प्रत्येक याचिका के लिए 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
जुर्माना लगाते हुए दी हिदायत
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने जुर्माना लगाते हुए कहा, “आप कितनी बार सुप्रीम कोर्ट गए हैं? कम से कम एक दर्जन बार? पिछली बार न्यायमूर्ति गवई ने 10 हजार जुर्माना लगाया था? इस बार 6 आंकड़े? क्या आप याचिका वापस ले रहे हैं? न्यायमूर्ति गवई दयालु थे। इसलिए उन्होंने कम जुर्माना लगाया था” ये कहते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
ड्रग मामले में कोर्ट कर रहा था सुनवाई
बेंच इस साल 24 अगस्त के गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पूर्व पुलिसकर्मी की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनके खिलाफ दायर ड्रग प्लांटिंग मामले की सुनवाई कर रहे ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश की निष्पक्षता के बारे में चिंता जताते हुए उनके आवेदन को खारिज कर दिया था। वह आवेदन नारकोटिक्स, ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस अधिनियम) के तहत उसके खिलाफ दर्ज मामले में मुकदमे की कार्यवाही के संचालन के संबंध में भट् द्वारा पहले दायर किए गए तीन आवेदनों को खारिज करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दायर किया गया था।
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