दिल्ली: लक्षद्वीप सांसद मोहम्मद फैज़ल पदीपुरा को शीर्ष अदालत से राहत, संसद से अयोग्य किए गए थे घोषित
Mohammed Faizal Padippura Case: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार, 09 अक्टूबर को केरल उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी। जिसमें हत्या के प्रयास के मामले में लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल पदीपुरा की सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया गया था। केरल उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाकर, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और संजय करोल की पीठ ने फैज़ल की लोकसभा सदस्यता को प्रभावी ढंग से बहाल कर दिया, जो उच्च न्यायालय के आदेश के बाद संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
लक्षद्वीप प्रशासन से मांगी प्रतिक्रिया
शीर्ष अदालत ने सजा पर रोक लगाते हुए मामले में लक्षद्वीप प्रशासन और शिकायतकर्ताओं से भी प्रतिक्रिया मांगी। बता दें, 11 जनवरी को, कावारत्ती की एक सेशन कोर्ट ने 2009 लोकसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक विवाद के संबंध में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता, पीएम सईद के दामाद पदनाथ सलीह की हत्या के प्रयास के लिए फैज़ल और तीन अन्य लोगों को दोषी ठहराया था। सभी चार आरोपियों को ट्रायल कोर्ट द्वारा प्रभावी रूप से 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी।
रिहाई के लिए किया था आवेदन
मामले में चारों दोषियों ने 12 जनवरी को केरल उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की। उन्होंने अपनी दोषसिद्धि और सजा को निलंबित करने और अपील के लंबित रहने के दौरान उन्हें जमानत पर रिहा करने के लिए आवेदन दायर किया। इसी साल 25 जनवरी को, केरल उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई गई दोषसिद्धि और सजा को निलंबित कर दिया, जिसके बाद केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने शीर्ष अदालत में अपील की। इसके बाद शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया और मामले में नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया।
सांसद के खिलाफ थे प्रथम दृष्टया सबूत
उच्च न्यायालय ने मामले की दोबारा सुनवाई की और दोषसिद्धि को निलंबित करने से इनकार कर दिया, हालांकि सजा पर रोक लगा दी। इसने राय दी कि सांसद के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत थे। इसके चलते फैज़ल को शीर्ष अदालत के समक्ष वर्तमान अपील का सामना करना पड़ा।
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