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दिल्ली उच्च न्यायालय का 24 बैंकों को नोटिस, धोखाधड़ी वेबसाइट का है मामला

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Delhi High Court Notice To Banks: देशभर से रोज साइबर ठगी और बैंक खातों से पैसा लूट लेने की ख़बर आती है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने बैंक द्वारा धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइटों की जानकारी देने में देरी करने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट को जानकारी दी। इसपर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने 24 बैंकों को नोटिस जारी किया है। बता दें, न्यायालय ने गूगल को फर्जी वेबसाइटों के संबंध में आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए पुलिस के साइबर सेल के साथ संवाद करने के लिए एक अधिकारी को नामित करने का भी निर्देश दिया।

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निर्दोष ग्राहक हो रहे हैं ठगी के शिकार

न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह ने कहा कि चूंकि इस मामले में निर्दोष ग्राहकों से बड़ी रकम की धोखाधड़ी शामिल है। इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए एक विधि विकसित करने की जरूरत है ताकि पुलिस के प्रश्नों का जवाब “मेहनती और कुशल तरीके से” दिया जाए। मामले में पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया कि खाताधारक के पते के उचित सत्यापन के बिना बैंक द्वारा खाते खोले जा रहे हैं।

वेबसाइट की पहचान करने में पुलिस के सामने चुनौती

धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों की जांच में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के सामने आने वाली चुनौतियों पर दिल्ली पुलिस ने अदालत को आगे बताया कि वेबसाइट को होस्ट करने वाले डोमेन नाम रजिस्ट्रार और मध्यस्थ पंजीकरणकर्ताओं का उचित विवरण प्रदान नहीं कर रहे थे। पुलिस ने आगे यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय को एक शिकायत मिली थी कि फर्जी वेबसाइटों का इस्तेमाल कर भारतीय नागरिकों के पासपोर्ट आवेदन स्वीकार करके और भारी प्रोसेसिंग शुल्क वसूलकर जनता को धोखा देने के लिए किया जा रहा है।

गूगल विज्ञापनों को किया गया भुगतान

पासपोर्ट आवेदन के दौरान भारी प्रोसेसिंग शुल्क मामले में जांच करने पर, पुलिस ने कहा कि यह पाया गया कि इन वेबसाइटों को सर्च इंजन के उपर सूचीबद्ध करने के लिए Google विज्ञापनों को भुगतान किया गया था। मामले पर विचार करते हुए, न्यायालय ने Google को निर्देश दिया है कि वह धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइटों के संबंध में आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए साइबर सेल के साथ संवाद करे और  इसके लिए एक अधिकारी को नामित करे और “मामलों की जांच के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करे”। इस मामले पर अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।

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