नई दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने प्रेस वार्ता कर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर केंद्र के बयान पर दिल्ली सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखा। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ऑक्सीजन से हुई मौतों का सही आंकड़ा सामने न आए, इसलिए केंद्र सरकार ने एलजी द्वारा दिल्ली सरकार की बनाई गई समिति को भंग करवाई थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली समेत पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी से कई मौतें हुई हैं। केंद्र सरकार का यह कहना पूरी तरह गलत है कि ऑक्सीजन संकट से किसी की मौत नहीं हुई है। स्वास्थ्य मंत्री ने सवाल किया कि अगर ऑक्सीजन की कमी से कोई मौतें नहीं हुई थी, तो अस्पताल ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट क्यों जा रहे थे? उन्होंने केंद्र को नसीहत देते हुए कहा कि केंद्र सरकार उन लोगों के जले पर नमक न छिड़के, जिनके परिवार में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई है।
दिल्ली और पूरे देश में कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी से मौते हुई
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जब अप्रैल-मई महीने में कोरोना की दूसरी लहर आई, तब ऑक्सीजन की बहुत किल्लत हो गई थी। कई अस्पतालों से ऐसी रिपोर्ट आ रही थी कि वहां पर ऑक्सीजन खत्म हो गई है, जिसकी वजह से कई मौतें हुई और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। माननीय हाईकोर्ट के अंदर उस समय अलग-अलग अस्पताल स्वयं जा रहे थे और यह कह रहे थे कि उनके यहां ऑक्सीजन खत्म हो गई है। इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के दखल देने के बाद, खासतौर से दिल्ली में हजारों लोगों की जान बची। अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दखल नहीं देते, तो बहुत भयावह स्थिति हो सकती थी। मीडिया भी रोज़ अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों को रिपोर्ट करता था। केंद्र सरकार का यह बयान बिल्कुल गलत है। दिल्ली और पूरे देश में कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी से मौते हुई हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था।
केंद्र सरकार उन लोगों के जले पर नमक न छिड़के, जिनके परिवार में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, “दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से होनी वाली मौतों का निश्चित आंकड़ा पता करने के लिए और लोगों को मुआवजा देने के लिए एक ‘फैक्ट फाइंडिंग समिति’ बनाई थी, जिसका काम था कि जिन लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई है, उनका पता लगाए और इस आंकड़े का संकलन करे, ताकि उनके परिवार को 5 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जा सके। दिल्ली सरकार पूरे देश में पहली ऐसी सरकार थी, जिसने ऐसी फैक्ट फाइंडिंग समिति का गठन किया था, जिसे केंद्र सरकार ने एलजी के माध्यम से भंग करवा दिया। आज अगर वह समिति काम कर रही होती, तो अब तक सही आंकड़ा भी सामने आ जाता। केंद्र सरकार उन लोगों के जले पर नमक न छिड़के, जिनके परिवार में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हुई है। कल को केंद्र सरकार यह भी कह सकती है कि कोरोना कभी आया ही नहीं।”
केंद्र सरकार कर रही है राजनीति
सत्येंद्र जैन ने कहा कि केंद्र के जिस कोविन पोर्टल पर कोरोना का डाटा दर्ज किया जाता है, वहां ऐसा कोई कॉलम नहीं होता, जहां यह लिखा जा सके कि मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई और न ही केंद्र सरकार ऐसा डाटा राज्य सरकारों से मांगता है। लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार ने अपनी तरफ से ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का आंकड़ा निश्चित करने के लिए कोशिश की थी, जिसे केंद्र सरकार ने रुकवा दिया। देश में ऑक्सीजन होते हुए भी ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से लोगों की मौत हुई है, जिस पर केंद्र सरकार राजनीति कर रही है। रिपोर्ट- कंचन अरोड़ा
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