Advertisement

Air Pollution: दिल्ली के तर्ज पर प्रदूषण से निपटने के लिए बने व्यवस्था

Share
Advertisement

Air Pollution: बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार, 10 नवंबर को महाराष्ट्र सरकार को वायु प्रदूषण और खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) से संबंधित समस्याओं की पहचान करने और उनका समाधान करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए वैधानिक शासन और आयोग के समान एक कानून बनाने पर विचार करने का सुझाव दिया। मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि दिल्ली में आयोग ने अपनी व्यापक शक्तियों के साथ वायु प्रदूषण की समस्याओं की पहचान करने के लिए बेहतर शोध किया।

Advertisement

Air Pollution: महाराष्ट्र सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए बनाए कानून

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “हम विद्वान महाधिवक्ता से अनुरोध करते हैं कि वे महाराष्ट्र सरकार को ऐसा कानून बनाने पर विचार करने का सुझाव दें, ताकि एक वैधानिक व्यवस्था स्थापित की जा सके, जिससे मुंबई शहर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के मुद्दों को अधिक वैज्ञानिक और प्रभावी तरीके से निपटाया जा सके। हमारी राय में इस तरह का कानून बनाना निश्चित रूप से समय की मांग है, ताकि मुंबई शहर जिस वायु प्रदूषण के लगातार बढ़ते खतरे का सामना कर रहा है, उसे नियंत्रित करने के लिए एक प्रभावी और मजबूत व्यवस्था बनाई जा सके।“

जनहित याचिका पर सुनवाई

बता दें कि हाई कोर्ट की पीठ मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर स्वत: संज्ञान वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसके दौरान उसने शहर में खराब AQI के बारे में चिंता जताई। महाधिवक्ता डॉ. बीरेंद्र सराफ ने पीठ को सूचित किया कि अदालत द्वारा स्वत: संज्ञान लेने के बाद राज्य की सभी एजेंसियां ​​तत्काल कार्रवाई में जुट गई हैं।

ये भी पढ़ें- Panchayati System: स्थानीय प्रशासन पर हावी होता Patriarchal Mindset

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *