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AAP सांसद संजय सिंह का BJP पर हमला, ‘महिलाओं के साथ किया बहुत बड़ा धोखा..’

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नारी शक्ति वंदन अधिनियम यानी महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों में ध्वनिमत से पारित हो गया है। पिछले 27 सालों से अधर में लटका महिला आरक्षण बिल अब जल्द ही कानून में तब्दील हो जाएगा। इसको लेकर केंद्र की मोदी सरकार का कहना है कि इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, विपक्षी दलों के नेता इस पर तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। विपक्ष कह रहा है कि अगर अगर यह आज कानून बन जाता है तो भी आज से 15 सालों तक प्रभाव में नहीं आएगा। इसके पीछे विपक्ष तर्क दे रहा है कि परिसीमन और जनगणना के बाद इसे प्रभाव में लाया जाएगा।

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संजय सिंह का केंद्र पर निशाना

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि ये बिल महिलाओं के बेवकूफ बनाने वाला बिल है और महिलाओं को धोखा देने वाला बिल है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की महिलाओं को बहुत बड़ा धोखा दिया है। संजय सिंह ने कहा कि ये बिल 15, 20, 25 साल में कब लागू होगा, कोई लिमिट नहीं है। 2026 तक जनगणना नहीं हो सकता — 2002 के संशोधन में साफ़ तौर पर लिखा हुआ है। उसके बाद 6 – 8 साल डिलिमिटेशन होगा और उसके बाद बिल आएगा। इतने समय में कौन कहां होगा, बिल धोखा है। क्या पिछड़े वर्ग की महिलाओं को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए? उमा भारती ने हमेशा सवाल उठाया था, आज क्यों बीजेपी में पिछड़े वर्ग के नेता चुप हैं? जब मोदी जी की विदाई हो चुकी होगी, तब इस बिल को I.N.D.I.A गठबंधन लागू करेगा।

जानें क्या होगा फायदा?

अगर महिला आरक्षण बिल लागू होने पर लोकसभा और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। हालांकि ये राज्यसभा और विधान परिषद के लिए लागू नहीं होगा। इसे कुछ इस तरह समझिए कि लोकसभा में फिलहाल 82 महिला सांसद हैं। अगर ये बिल कानून में तब्दील होकर लागू हो जाता है तो लोकसभा की 543 सीटों में से 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इसी तरह विधानसभाओं में जितनी सीटें होंगी, उसकी 33% सीटें रिजर्व रहेंगी। उदाहरण के लिए- दिल्ली विधानसभा में 70 सीटें हैं। उसकी 23 सीटें महिलाओं के लिए रहेंगी।

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