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AAP सरकार ने दिल्ली सेवा कानून को SC में दी चुनौती, कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस

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दिल्ली सरकार ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली सेवा कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया दिल्ली सेवा बिल बीती 3 अगस्त को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ। इसके बाद 7 अगस्त को लंबी बहस के बाद राज्यसभा सदन में भी पास हो गया।

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SC ने केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के नए सेवा कानून पर सुनवाई करने का फैसला करते हुए दिल्ली सरकार की अर्जी पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। इस मामले में केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब देने को कहा गया है। गौरतलब है कि इससे पहले केजरीवाल सरकार ने 19 मई को राजधानी दिल्ली में केंद्र के अध्यादेश को चुनौती थी।

कोर्ट के फैसले के बाद आया अध्यादेश

दरअसल इस साल सर्वोच्च न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाते हुए दिल्ली में अफसरों की पोस्टिंग और तबादले का अधिकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार को दे दिया था। इसके बाद 19 मई को केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाया गया। जिसे आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने वाला बताया। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अध्यादेश के खिलाफ अन्य राजनीतिक दलों से दिल्ली सरकार का समर्थन करने की मांग की। सीएम केजरीवाल ने देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर अध्यादेश को राज्यसभा सदन में हराने के लिए समर्थन मांगा।

दोनों सदनों में हुआ पास

इसके बाद संसद के मानसून सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली सेवा बिल को सदन की पटल पर पेश किया। सेवा बिल 3 अगस्त को लोकसभा सदन से पारित हुआ। 7 अगस्त को सदन में लंबी बहस के बाद राज्यसभा सदन में भी पास हुआ। इस बिल को पारित करने के लिए 131 सांसदों ने पक्ष में जबकि 102 ने इसके विरोध में मतदान किया। वहीं, अब एक बार फिर दिल्ली सरकार ने दिल्ली सेवा कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

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