Advertisement

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ में विश्व आदिवासी दिवस पर बने दो नये कीर्तिमान

Share
Advertisement

रायपुर:  विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में दो नए कीर्तिमान स्थापित हुए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर देश में पहली बार शहरी क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदायों और टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के गांवों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मान्यता पत्रों के वितरण की शुरूआत हुई। मुख्यमंत्री ने यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उदंती-सीतानदी टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के गांव करही की वन अधिकार समिति के अध्यक्ष नथलू राम मरकाम, ग्राम जोरातरई के अध्यक्ष बिरबल पदमाकर और ग्राम मासुलखोई  की वन अधिकार समिति के अध्यक्ष हिम्मत सिंह नेताम को समुदायिक वन संसाधन अधिकार प्रदान किए।

Advertisement

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके पहले बूढ़ादेव और मां दन्तेश्वरी की पूजा-अर्चना की और शहीद किया। इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, आदिमजाति विकास मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, वनमंत्री मोहम्मद अकबर, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी, संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, आदिम जाति विकास विभाग के सचिव डीडी सिंह और आदिम जाति विकास विभाग की आयुक्त शम्मी आबिदी इस अवसर पर उपस्थित थीं।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि जल-जंगल-जमीन सहित हर तरह के स्थानीय संसाधनों पर स्थानीय समुदायों का अधिकार सुनिश्चत करना और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार आदिवासी समुदायों के सांस्कृतिक विकास के साथ-साथ उनके सामाजिक, आर्थिक विकास की दिशा में लगातार कदम उठा रही है। पिछले ढाई वर्षों में किए गए प्रयासों से आज आदिवासी क्षेत्रों में स्वावलंबन की नयी बयार बह रही है। आज का दिन राज्य की करीब 31 प्रतिशत आदिवासी जनसंख्या के स्वाभिमान, गौरव, संस्कृति और सपनों से जुड़ा हुआ है। रिपोर्ट- जुल्फिकार अली

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *