Chhattisgarh: नक्सल इलाके के बच्चे कोचिंग सेंटर में गढ़ रहे भविष्य, जानें पुलिस की ‘नई सुबह योजना’
Chhattisgarh: पुलिस ने कांकेर जिले में पूना वेश नवा अंजोर नाम की योजना चलाई है। योजना का जैसा नाम है। उसका असर भी अब नक्सल संवेदनीशल इलाकों में दिखने लगा है। गोंडी भाषा का शब्द पूना वेश तथा छत्तीसगढ़ी भाषा शब्द नवा अंजोर दोनों का अर्थ होता है नई सुबह पुलिस की इस योजना से भी अब कांकेर जिले के नक्सल इलाकों में नई सुबह होने लगी है। अब तक पुलिस के नाम से कोसों दूर भागने वाले अंदरूनी व नक्सल संवेदनशील इलाके के छात्र व बच्चे अब पुलिस जवानों के इंतजार में इन कोचिंग सेंटरों में बैठते हैं। क्योंकि यहां उन्हें प्रतियोगी परीक्षा व उच्च शिक्षा के अलावा करियर के लिए मार्गदर्शन मिलता है। इस योजना की सफलता से यह मिथक भी टूट गया कि नक्सल संवेदनशील इलाके के बच्चे पुलिस से दूर भागते हैं।
जिला पुलिस ने पूना वेश नवा अंजोर योजना के तहत जून 2022 में ताड़ोकी तथा अगस्त 2022 में कोयलीबेड़ा में निशुल्क कोचिंग सेंटर शुरू किया था। बच्चों के लिए पाठ्य तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें मुहैया कराने पुस्तकालय भी शुरू किया।
शुरू में आशंका थी कि बच्चे योजना से नहीं जुड़ेंगे
शुरुआत में आशंका थी कि अंदरूनी इलाका होने के कारण बच्चे इस योजना से नहीं जुड़ेंगे। लेकिन पढ़ने और आगे बढ़ने की ललक ने नक्सल आतंक को ठेंगा दिखाया तथा छात्र छात्राएं कोचिंग सेंटर पहुंचने लगे। देखते देखते यहां इन छात्रों की तादाद बढ़ने लगी। कोचिंग सेंटर में एसपी, एएसपी, डीएसपी, टीआई तथा अन्य अफसर के अलावा इलाके में पदस्थ डाक्टर व अन्य सरकारी अफसर समय समय पर पहुंच बच्चों को पढ़ाने के साथ उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। वर्तमान में एसआई की होने वाली प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग के साथ टिप्स भी दिए जा रहे हैं। यहां उन्हें 12वीं की पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी देते तैयारी भी कराई जा रही है।
रिपोर्टर-धनंजय चंद
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