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सिद्धू पर कैप्टन का तीखा हमला, कहा- सिद्धू के खिलाफ खड़ा करेंगे दमदार प्रत्याशी

Captain Amarinder Singh

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चंडीगढ़ं: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर एक बार फिर अपना तल्ख रूप दिखाया है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन ने पहली बार सिद्धू पर हमला बोला है।

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पूर्व CM ने कहा कि वो सिद्धू को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। कैप्टन ने कहा कि वो उनके खिलाफ मजबूत प्रत्याशी खड़ा करेंगे।

कैप्टन ने साफ़ कहा कि 2022 में होने वाले चुनावों में अगर कांग्रेस पार्टी सिद्धू को मुख्यमंत्री के तौर पर आगे रखती है तो ये देखना होगा कि क्या कांग्रेस दहाई का आंकड़ा भी छू पाएगी।

बुधवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने पूर्व मुख्यमंत्री का बयान अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किए थे।

एक टीवी चैनल को दिए इन्टरव्यू में कैप्टन ने सिद्धू पर जमकर निशाना साधा लेकिन उन्होंने नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तारीफ की।

बतौर CM अच्छा काम करेंगे चन्नी- कैप्टन

उन्होंने कहा, “चरणजीत चन्नी क़रीब चाढ़े चार साल मेरे कैबिनेट में मंत्री रहे हैं और उनके पास अच्छा अनुभव है। साथ ही उनके पास तकनीकी शिक्षा है, अच्छी तरह से शिक्षित हैं, उन्होंने मंत्री रहते हुए अच्छा काम किया है तो बतौर सीएम वे अच्छा करेंगे।”

राहुल-प्रियंका पर क्या बोले कैप्टन?

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बातचीत में कहा कि मैं जीतने के बाद राजनीति छोड़ने के लिए तैयार था लेकिन हार के बाद कभी नहीं छोड़ सकता था।

उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को मैने अपने इस्तीफ़े की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने मुझे अपने पद पर बने रहने के लिए कहा था।

वो आगे कहते हैं, “अगर उन्होंने (सोनिया गांधी ने) फ़ोन किया होता और मुझे पद छोड़ने के लिए कहा होता, तो भी मैं इस्तीफ़ा दे देता।”

कैप्टन ने राहुल औऱ प्रियंका के लिए कहा, “प्रियंका गांधी और राहुल गांधी मेरे बच्चों के जैसे हैं। यह ऐसे ख़त्म नहीं होना चाहिए था। मैं दुखी हूं। वास्तव में दोनों भाई-बहन अनुभवहीन हैं और उनके सलाहकार स्पष्ट रूप से उन्हें गुमराह कर रहे हैं।”

कैप्टन ने ये भी कहा है कि ”केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला कैसे तय कर सकते हैं कि किसके लिए कौन सा मंत्रालय सही रहेगा। जब मैं सीएम था तो अपने मंत्रियों को मैंने उनकी जाति के आधार पर नहीं बल्कि उनके प्रभाव के आधार पर नियुक्त किया था।”

यहां भी पढ़ें: पंजाब के नए मुख्यमंत्री के सामने क्या हैं चुनौतियां?

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