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जन्मदिवस पर विशेषः राजनीति का वो ‘इंजीनियर’ जिसने बिहार में विकास की ऊर्जा का किया संचार

Birthday Special of CM Nitish

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Birthday Special of CM Nitish: बिहार की राजनीति का वो इलैक्ट्रोनिक इंजीनियर जिसने बिहार में विकास की नई ऊर्जा का संचार किया। एक लंबे अरसे से पिछड़ेपन के अंधकार में डूबे बिहार को विकास की नई रोशनी प्रदान की। जी हां हम बात कर रहे हैं बिहार के उस सीएम की जिसने न सिर्फ बिहार में सीएम के रूप में सबसे लंबे कार्यकाल का इतिहास गढ़ा बल्कि बिहार में विकास की एक नई इबारत भी लिखी. इनका नाम है नीतीश कुमार. वर्तमान में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार का आज यानि शुक्रवार एक मार्च 2024 को 73वां वर्ड डे है।

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महान हस्तियों का रहा सानिध्य

1985 में पहली बार विधानसभा के सदस्य बने नीतीश कुमार ने समाज कल्याण के धुरंधर रहे जयप्रकाश नारायण, कर्पूरी ठाकुर और अनुग्रह नारायण जैसे नेताओं से राजनीति का क, ख, ग, सीखा। उन्होंने बिहार के विकास को सपना देखा उसे वो आज पूरा करने में जुटे हैं. अपने राजनीतिक करियर में तमाम उतार चढ़ावों के वाबजूद नीतीश कुमार ने कभी हार नहीं मानी।

रोजगार पर विशेष ध्यान, महिलाओं का भी सम्मान

बात अगर नीतीश कुमार की हालिया राजनीति की करें तो उनके शासन में उनकी प्राथमिकता युवाओं को रोजगार और विकास की रही है। जातीय गणना के बाद बिहार के सभी वर्गों के गरीबों को लिए विशेष कल्याणकारी योजनाएं चला रहे हैं। वहीं उन्होंने महिलाओं के उत्थान पर भी विशेष ध्यान दिया है।

विकास दर शानदार

इस समय बिहार की विकास दर 10.98 प्रतिशत है। जो कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है। वहीं बिहार नीतीश के नेतृत्व में 2005 के बाद से सबसे अधिक रोजगार देने वाला प्रदेश भी बन गया है। हाल ही में बिहार में लाखों की संख्या में नियुक्तियां की गई हैं। वहीं चरणबद्ध तरीके से और नियुक्तियां की जानी हैं।

शिक्षा क्षेत्र में भर्ती की मिसाल

बाबा साहब अंबेडकर ने एक कथन कहा था कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा दहाड़ेगा। नीतीश कुमार इस कथन से काफी प्रेरित हैं। यही कारण है कि उन्होंने बिहार में शिक्षा के प्रति विशेष ध्यान दिया है। बिहार में हालिया शिक्षक भर्ती ने देश में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। इसके दोनों चरणों में अब तक लगभग 2.81 लाख भर्तियां की जा चुकी हैं। वहीं तीसरे चरण में भी तकरीबन 77 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया विचाराधीन है। वहीं नियोजित शिक्षकों के हित में भी प्रदेश सरकार कार्य कर रही है। समक्षता परीक्षा के आधार पर उन्हें भी राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा। तकनीकी सेवा आयोग के द्वारा 2019- 24 तक 43000 युवाओं को रोजगार दिया गया है.

महिलाओं को रोजगार देने का कमाल

वहीं बात अगर महिला विकास की करें तो नीतीश सरकार इस क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। बिहार में अन्य सभी राज्य की तुलना में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या (प्रतिशत के आधार पर) सबसे अधिक है। यहां 22.67 प्रतिशत महिला पुलिस कर्मी हैं। वहीं सरकार की महिला उद्यमी योजना से भी महिलाएं स्वरोजगार हासिल कर रही हैं. इस योजना में साल 2022-23 में 260 प्रतिशत की अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई जो कि सराहनीय है। उन्होंने सर्वप्रथम महिलाओं को समृद्ध करने के लिए पंचायती राज अधिनियम 2005 के तहत 50 % आरक्षण दिया। राज्य सरकार की नौकरियों में 33% आरक्षण दिया बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या 24,267 हो है.

जीवन की संक्षिप्त झलक

बात अगर नीतीश कुमार के जीवन की करें तो एनआईटी, पटना (तत्कालीन, बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग) से उन्होंने इलेक्ट्रोनिक इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उनका जन्म 1 मार्च 1951 को नालंदा जिले के हरनौत (कल्याण बिगहा) के एक कुर्मी परिवार में हुआ। वह शुरू से ही होनहार थे। उनके पिता एक स्वतंत्रता संग्राम सैनानी थे। नीतीश कुमार का उपनाम मुन्ना है। बिहार राज्य बिजली बोर्ड में शामिल होने पर भी नीतीश का मन राजनीति में था। इसलिए वह राजनीति में आ गए। नीतीश की शादी अध्यापिका मंजू कुमारी सिन्हा से 1973 में हुई। नीतीश कुमार का एक बेटा निशांत (जन्म 20 जुलाई 1975) हैं। जो बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान-मेसरा से इंजीनियरिंग में स्नातक हैं।

1985 में पहली बार पहुंचे बिहार विधानसभा

1985 में नीतीश कुमार पहली बार बिहार विधानसभा के सदस्य बने। 1989 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। वह रेल मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे। उनकी पार्टी जेडीयू का बीजेपी से करीबी नाता रहा। 2005 से वह बिहार के सीएम पद पर रहे। बीच में लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के चलते उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया। जीतनराम मांझी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सुझाया। इस दौरान कुछ समय के लिए मांझी बिहार के सीएम भी रहे। नवंबर 2015 से वह बिहार के लगातार सीएम हैं। फिलहाल उनकी पार्टी का एनडीए के साथ गठबंधन है।

“‘मुझे लोकनायक जय प्रकाश नारायण छोटे साहब सत्येंद्र नारायण सिंह और जननायक  कर्पूरी ठाकुर के चरणों में जानने और सीखने का मौका मिला है-” सीएम नीतीश कुमार

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