8 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की अपील पर सुनवाई करेगा। बता दें, आनंद बिहार के डीएम जी कृष्णैया की हत्या में मुख्य आरोपी है। 27 अप्रैल को आनंद मोहन को जेल से रिहा कर दिया था। ऐसे में बिहार सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दलित आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने चुनौती दी थी।
अब आनंद मोहन को जेल भेजने की याचिका पर आज (8 मई) सुनवाई होगी। 27 अप्रैल को सुबह सवा छह बजे के करीब बिहार सरकार ने कानून में बदलाव कर आनंद मोहन सिंह को सहरसा जेल से रिहा कर दिया। कृष्णैया के परिवार ने इस पर आपत्ति जताई और कोर्ट में अर्जी दी।
इस फैसले के बाद बिहार सरकार पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। कृष्णय्या की पत्नी उमा देवी अपनी याचिका में बिहार सरकार के आदेश को रद्द किए जाने की मांग की है। उसने ये भी सवाल किया कि पहले मौत की सजा को उम्रकैद में बदला, हालांकि, इसके बाद भी कैदी को रिहा क्यों किया गया। उमा देवी ने कहा, “यह उन सभी सिविल सेवकों और सरकारी अधिकारियों और आम लोगों के बारे में है जो अपराधियों का खामियाजा भुगतेंगे क्योंकि वे जैसा चाहें वैसा करेंगे क्योंकि उन्हें अब नतीजों का डर नहीं है। यह केवल गुंडों और ठगों को कानून अपने हाथ में लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसलिए बिहार में माफिया का राज है। तब भी वही था, अब भी वही है।”
5 दिसंबर 1994 को जब उमा के पति का निधन हुआ, तब वह 30 साल की थीं। दो दिन बाद, वह हैदराबाद गई और उसे बेगमपेट में ऑफिसर्स ट्रांजिट हॉस्टल में एक फ्लैट दिया गया। उस समय उनकी 7 और 5 साल की दो बेटियां थीं। उनकी बड़ी बेटी निहारिका वर्तमान में एक बैंक मैनेजर हैं और उनकी छोटी बेटी पद्मा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
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