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आरक्षण संशोधन विधेयक बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से पास, 75% आरक्षण का प्रावधान

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गुरुवार को बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन बिल-2023 सर्वसम्मत से पारित हुआ। जिसमें आरक्षण की सीमा 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था। प्रस्ताव चौथे दिन की कार्यवाही में सर्वसम्मति से पास हुआ है। BJP भी इस बिल का समर्थन करता है, जो खास है। सरकार ने यह फैसला जाति सर्वे की रिपोर्ट के बाद किया।

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विधान परिषद और राज्यपाल अभी इस पर समझौता करना बाकी है। पहला प्रस्ताव विधान परिषद में प्रस्तुत किया जाएगा। इसे जहां से मंजूरी मिलने के बाद राज्यपाल के समकक्ष प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद ही ये कानून बनेंगे। जिसमें आरक्षण की सीमा को 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया।

नीतीश ने जातीय आंकड़े प्रस्तुत किए

आपको बता दें कि नीतीश ने सदन में कहा कि अतिपिछड़े और पिछड़े लोगों को अधिक आरक्षण मिलना चाहिए। अब उनको पच्चीस की जगह 65 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। नीतीश कुमार ने एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा। हालाँकि, बिहार में ईबीसी के लिए आरक्षण 10 प्रतिशत है, एससी के लिए 16 प्रतिशत, एसटी के लिए 1 प्रतिशत, ईबीसी के लिए 18 प्रतिशत, ओबीसी के लिए 12 प्रतिशत और ईबीसी एवं ओबीसी महिलाओं के लिए 3 प्रतिशत है।

जातीय गणना की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में पिछड़ा वर्ग के 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, एससी वर्ग के 42.93% और एसटी वर्ग के 42.7% गरीब परिवार हैं। कायस्थ सबसे अमीर हैं और यादव और भूमिहार सबसे गरीब हैं।

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