Patna HC ने नवजोत सिद्धू के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को किया रद्द
Patna High Court: पटना हाई कोर्ट ने हाल ही में 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान धार्मिक आधार पर वोट की अपील करने के लिए कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने निष्कर्ष निकाला कि सिद्धू ने केवल यह कहा था कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम वोटों को विभाजित करने की कोशिश कर रहे थे। कोर्ट ने पाया कि सिद्धू ने सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कोई बयान नहीं दिया था या ऐसा कुछ नहीं कहा था जिससे सार्वजनिक शांति भंग होने की संभावना हो।
Patna High Court: बयान में नहीं है विभाजनकारी चरित्र
न्यायालय ने कहा, “भाषण की सामग्री से ऐसा नहीं लगता है कि याचिकाकर्ता ने दो वर्गों के लोगों या दो धर्मों के बीच दुश्मनी या नफरत की भावनाओं को बढ़ावा देने की कोशिश की है, लेकिन वास्तव में उन्होंने केवल यह कहा है कि श्री ओवैसी वोटों को विभाजित करने की कोशिश कर रहे थे।” कोर्ट ने कहा कि सिद्धू के बयान में किसी भी सांप्रदायिक तनाव या हिंसा का चित्रण नहीं किया गया है, बल्कि केवल मुस्लिम समुदाय को ओवैसी के इशारे पर अपने वोट विभाजित करने के बारे में आगाह किया गया है।
Patna High Court: मामला साल 2019 चुनाव प्रचार के दौरान
मामला अप्रैल 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान सिद्धू द्वारा की गई टिप्पणियों से संबंधित है। बताया जाता है कि सिद्धू ने 2019 के आम चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए मुस्लिम मतदाताओं से एकजुट होकर कांग्रेस को वोट देने की अपील की थी और ओवैसी को वोट देकर अपने वोट नहीं बांटने की अपील की थी।
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