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नीतीश कुमार के ड्रीम प्लान को हरी झंडी, जातीय जनगणना पर हाई कोर्ट की लगी मुहर

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जातीय जनगणना पर पटना हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। वहीं हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद नीतीश कुमार के ड्रीम प्लान को हरी झंडी दे दी है। जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट ने इस संदर्भ में नीतीश सरकार को बड़ी राहत दी है। जातीय सर्वेक्षण मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने बिहार सरकार को जातीय गणना कराने की अनुमति दे दी है। इतना भर नहीं इस मामले में दायर विरोधियों की तमाम याचिकाओं को पटना हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

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दरअसल, देश के ये बड़े नेता यह मानते थे कि आजादी के पहले और और आज की स्थिति में काफी बदलाव आया है। तब के जातीय जनगणना के अनुसार आज उनकी जनसंख्या नहीं है। इसलिए सरकारी योजनाओं का अनुपातन लाभ, आरक्षण पाने वाले जातियों की स्थिति सही से परिलक्षित नहीं हुई है। इस वजह से सदन में उनकी हिस्सेदारी भी अनुकूल नहीं हो पाई है। यह लोकतंत्र में कहीं न कही नाइंसाफी है।

बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना शुरू से ही विवादों में रही है। इसे लेकर राजनीतिक दलों के अलग-अलग विचार रहे हैं। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भी इस जनगणना को लेकर तंज कसा था। लोगों का कहना था कि दुनिया चांद पर जाने की कोशिश में जुटी हुई है। बिहार में पांच सौ करोड़ खर्च कर जातीय जनगणना कराई जा रही है। जातीय जनगणना पर कोर्ट ने हस्तक्षेप किया है। जिसकी वजह से ये रूकी हुई है। उधर, विजय चौधरी के बयान के बाद एक बार फिर बिहार की राजनीतिक फिजां में जनगणना की चर्चा शुरू हो गई है।

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