आखिर अफ्रीकन यूनियन को भारत ने क्यों बनाया G-20 का हिस्सा, Pakistan क्यों रह गया अकेला ?

भारत G20 में कामयाब मेजबान की भूमिका में रहा । दुनियाभर की निगाहें भारत पर टिकी रही। वहीं देश-विदेश से लीडर्स आकर खुशी-खुशी लौट गए। लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को न्योता तक नहीं मिला। बात करें भारत और पाकिस्तान के आजादी कि तो दोनों लगभग एक साथ ही आजाद हुए हैं। इसके बाद भी होस्ट बनना तो दूर, पाकिस्तान जी20 का हिस्सा तक नहीं बन सका है। हाल ही में अफ्रीकन यूनियन को भी इसकी मेंबरशिप मिल गई। लेकिन पाकिस्तान का इससे दूर-दूर तक वास्ता नहीं है।बात करें पाकिस्तान के आबादी की तो ये 5वां सबसे बड़ा देश है। जमीन के लिहाज से ये दुनिया का 33वां सबसे बड़ा मुल्क है। कम समय में ही इसने न्यूक्लियर वेपन बना डाले यानी सैन्य ताकत भी इसके पास दुनिया के बहुत से देशों से काफी ज्यादा है। इन सब चीजों के बाद भी पाकिस्तान जी20 देशों के ग्रुप में नहीं है।
आखिर पाकिस्तान जी20 ग्रुप में क्यों शामिल नहीं है ?
हैरानी वाली बात ये है कि बांग्लादेश, वियतनाम, नाइजीरिया, ईरान जैसे मुल्क भी पाकिस्तान से अर्थव्यवस्था के मामले में आगे हैं। जी20 आर्थिक मुद्दों के अलावा वैश्विक शांति पर भी बात करता है। दुनिया इस बात से वाकिफ है कि पाकिस्तान किस तरह से आतंक को पालता-पोसता है। यही वजह है कि उसके लिए इसमें शामिल होना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है।
असल में जी20 ग्रुप में सिर्फ इकनॉमी पर नहीं, बल्कि हर तरह के ग्लोबल मुद्दे पर बात होती है। इस पॉलिटिकल क्लब में शामिल कई देश एक-दूसरे से शिकायत करते हैं, तनाव भी है, लेकिन किसी पर भी आतंकवाद का ठप्पा नहीं लगा।
अफ्रीकन यूनियन 21वां सदस्य क्यों बना ?
G20 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समूह में अफ्रीकी संघ के प्रवेश की बात की, जिसपर सारे लीडर्स ने सहमति जताई। यहां सवाल उठता है कि अफ्रीकन यूनियन को क्यों मेंबरशिप मिली। तो इसकी वजह साफ है ये 55 देशों का ग्रुप है, जिसके पास कच्चे माल का भंडार और मैनपावर दोनों है। आगे चलकर ये दुनिया की इकनॉमी को नई दिशा दे सकता है। यही सारे पहलू देखते हुए अफ्रीकन यूनियन को क्लब की एंट्री मिली।