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Merrut Murder Case : दोस्ती में युवक को ब्लैकमेल करना पड़ा भारी, टुकड़े-टुकड़े कर नाले में फेंकी लाश

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मेरठ : मेरठ में एलएलबी के छात्र यश रस्तोगी को लिसाड़ीगेट में दूसरे समुदाय के युवकों ने बेरहमी से मारा। पहले यश का गला दबाया और फिर उसके कई टुकड़े कर लाश बोरे में भरकर पुलिस चौकी के पास नाले में फेंक दी। छह दिन तक उसकी लाश नाले में पड़ी रही। पुलिस ने सर्विलांस के जरिये यश के दोस्तों की कुंडली खंगाली, जिसके बाद आरोपियों का पता चला।

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पुलिस का दावा है कि यश और उसके दोस्तों ने ऑनलाइन समलैंगिक ग्रुप बनाया हुआ था, जिसमें करीब 40 युवक जुड़े थे। वहीं रविवार को मृतक यश के परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर हंगामा कर दिया। परिजनों ने मुआवजे की मांग करते हुए पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। हालांकि पुलिस के समझाने के बाद परिजनों ने शव का सूरजकुंड स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया।

शनिवार देर रात यश की लाश मिलने की जानकारी लगने पर एसपी सिटी, एसपी क्राइम भी लिसाड़ीगेट पहुंचे। हत्यारोपियों से पुलिस ने रात में पूछताछ की। पुलिस के मुताबिक हत्यारोपियों का कहना है कि वारदात के पीछे समलैंगिक संबंधों का मामला है। यश और आरोपी ऑनलाइन चल रहे समलैंगिक ग्रुप के जरिए ही एक-दूसरे से जुड़े थे।

यश ने एक आरोपी शाहवेज से 40 हजार रुपये भी ले लिए थे। पांच हजार की डिमांड और कर रहा था। शाहवेज ने यश को अपने घर लिसाड़ीगेट में बुला लिया। शाहवेज ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर पहले यश का गला दबाया और फिर चाकू से उसके टुकड़े कर दिए।

दो दिन पहले मेडिकल पुलिस ने दो युवक उठाए थे। वह समलैंगिक ग्रुप से जुड़े थे। उन्होंने ही लिसाड़ीगेट के शाहवेज, अलीजान, सलमान का नाम बताया था। पुलिस ने रात में लिसाड़ीगेट इलाके को छावनी बना लिया। चारों युवकों को उठाया, रात में सख्ती से पूछताछ की। उनकी निशानदेही पर नाले से शव को बरामद कर लिया।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 26 जून को ही यश की उन्होंने हत्या कर दी थी। इस घटना में मेडिकल और लिसाड़ीगेट की पुलिस  की लापरवाही उजागर हुई है।

एसपी सिटी विनीत भटनागर का कहना है कि समलैंगिक ग्रुप से जुड़े युवकों को यश ब्लैकमेल करने लगा था। आरोपी शाहवेज की लोहे का सामान बनाने की फैक्टरी है। आरोपियों ने बताया कि यश ब्लैकमेल कर रहा था। जिसके चलते उन्होंने प्लानिंग करके यश की हत्या कर दी। एसएसपी रोहित सिंह ने भी रात में आरोपियों से पूछताछ की है। वहीं यश के पिता अनिल रस्तोगी का जागृति विहार में जनरल स्टोर है।

26 जून को यश घर से लापता हो गया था। तभी से परिजन उसकी तलाश में जुटे थे। परिजनों ने यश के फोन की डिटेल्स निकलवाई तो कई संदिग्ध नंबर देख उनकी बेचैनी बढ़ गई थी। उन्होंने अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया। एक युवक को भी पकड़कर पुलिस को सौंपा, जिसकी यश के मोबाइल पर काफी कॉल थीं।

बाद में पुलिस ने एक और युवक को हिरासत में ले लिया। मेडिकल इंस्पेक्टर संत शरण सिंह ने यश की तलाश में कई जगह की सीसीटीवी फुटेज खंगाली, हालांकि उनके हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लगा। यश की आखिरी लोकेशन लिसाड़ी गेट में मिली थी।

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