Delhi: किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश, 10 आरोपी गिरफ्तार, युवाओं की बेचते थे किडनी
Delhi: दिल्ली दक्षिण जिले के हौज खास Hauz Khas में पुलिस ने किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट Kidney Transplant Racket का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने 10 आरोपियों को धर दबोचा है. पूछताछ में पता चला है कि यह गैंग 20 से 30 साल के युवाओं को निशाना बनाते थे. युवाओं को पैसों का लालच देकर उन्हें किडनी बेचने के लिए राजी करते थे. अब तक 20 से ज्यादा किडनी बेच चुके हैं.
गैंग में दिल्ली के डॉक्टर शामिल
हैरानी कर देने वाली बात यह है कि गिरोह में दिल्ली के जाने माने अस्पताल के चिकित्सक भी शामिल हैं. हौज खास थाना क्षेत्र में प्री एनेस्थीसिया चेकअप क्लीनिक की आड़ में इस गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा था. पकड़े गए सभी आरोपियों के काम बंटे हुए थे. गैंग के दो लोग युवाओं को किडनी बेचने के लिए मनाते थे. एक आरोपी स्कैनिंग सेंटर में काम करता था, जहां किडनी को स्कैन किया जाता था. दो आरोपी युवाओं को दिल्ली से हरियाणा के गुहाना सेंटर पर लेकर जाते थे, जहां किडनी निकाली जाती थी और महंगी कीमत लेकर लोगों को बेची जाती थी.
हरियाणा तक फैला था गिरोह
जानकारी के लिए बता दे कि डॉक्टर सोनू गुहाना के सेंटर का मालिक था और डॉक्टर सौरभ मित्तल दिल्ली के एक जाने माने अस्पताल में सेवा देता था. गैंग के तीन लोग ऑपरेशन थियेटर में काम करते थे. दक्षिणी जिला पुलिस उपायुक्त बेनिता मैरी जैकर ने जानकारी देते हुए बताया बीती 26 मई को पहली बार इस किडनी गिरोह के बारे में जानकारी मिली थी. सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की तो परत दर परत खुलती चली गई और दिल्ली से लेकर गुहाना, हरियाणा तक इनके तार जुड़े मिले. इसके बाद पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार किया.
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि भोलेभाले लोगों को मनाने का जिम्मा सर्वजीत और शैलेश पटेल को सौंपा गया था. वहीं मोहम्मद लतिफ की मदद से स्कैन करवाया जाता था. पूछताछ में यह भी पता चला है कि अभी तक गुजरात के रहने वाले रघु शर्मा (21), गुवहाटी, असम के रहने वाले दिवाकर सरकार (32), पश्चिम बंगाल के रहने वाले अश्विनी पांडेय (26) और कोची केरल के रहने वाले रिजवान (26) को अपनी जाल में फांसकर इस गिरोह ने किडनी निकाली है.