Advertisement

पुरस्कार वापसी पर अब लगेगी रोक, संसदीय कमेटी ने की ये अहम सिफारिशें

Share
Advertisement

देश में बीते कुछ समय से पुरस्कार वापस करना एक चलन सा हो गया है। देश के विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग कैटेगरी में पुरस्कार प्राप्त लोग आए दिन पुरस्कार वापस करने की धमकी देते रहते हैं। इसे रोकने के लिए संसदीय कमेटी ने अंडरटेकिंग फॉर्म भरवाने की सिफारिश की है। कमेटी का कहना है कि पुरस्कार पाने वाले विजेताओं से पहले ही फॉर्म पर सिग्नेचर करवा लिए जाएं कि वे भविष्य में अपना पुरस्कार नहीं लौटाएंगे।

Advertisement


कमेटी ने पुरस्कारों के राजनीतिकरण को रोकने के लिए ये सिफारिश की है। संसद की स्थाई कमेटी ने पुरस्कार वापसी को देश का अपमान बताया और कहा कि इससे पुरस्कारों की साख खराब हो रही है। कमेटी का कहना है कि पुरस्कार देने वाली अकादमियां एक गैर-राजनीतिक संगठन हैं तथा राजनीति के लिए यहां कोई स्थान नहीं हो सकता। कमेटी ने सुझाव देते हुए कहा कि जब भी कोई पुरस्कार दिया जाए तो प्राप्तकर्ता से ये शपथ पत्र लिया जाए कि वें किसी भी राजनीतिक कारण से पुरस्कार नहीं लौटांएगे।


बीते कुछ दिनों में पुरस्कार वापस करने की धमकी देने की ये रहीं कुछ घटनाएं


भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का फैसला किया था। खिलाड़ी साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट हरिद्वार में मेडल बहाने पहुंच भी गए थे। लेकिन आखिरी समय पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया था और मेडल सुरक्षित बच गए थे।
वहीं दूसरी ओर पुरस्कार वापसी की घमकी मणिपुर हिंसा को लेकर चिंतित स्थानिय विजेता खिलाड़ियों ने दी थी। उनका कहना था मणिपुर में हिंसा समाप्त हो और शांति बहाल की जाए, अगर सरकार इसमें विफल रहती है तो वें अपने पुरस्कार वापस कर देंगे।

ये भी पढ़ें: हाथों के बिना, पैरों से करिश्माई प्रदर्शन कर रहीं 16 साल की शीतल देवी ने जीता सिल्वर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें