रूस बना UNSC का प्रेसिडेंट, यूक्रेन बोला- यह अप्रैल फूल पर सबसे भद्दा मजाक

रूस एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) का अध्यक्ष बन गया है। रूस की प्रेसिडेंसी को लेकर यूक्रेन पिछले कुछ दिनों से लगातार विरोध करता आ रहा है। UNSC के सभी 15 सदस्यों के पास 1-1 महीने के लिए अध्यक्षता आती है। इसके तहत अब अप्रैल महीने के लिए रूस के पास UNSC की अध्यक्षता रहेगी। इससे पहले रूस पिछले साल फरवरी में UNSC का प्रेसिडेंट बना था। तभी उसने यूक्रेन के साथ जंग का ऐलान कर दिया था। यूक्रेन पर चल रहे काउंसिल के एक सेशन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने वहां स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन शुरू करने की घोषणा की थी।
जेलेंस्की ने कहा था UNSC को भंग करें
वहीं रूस की अध्यक्षता पर यूक्रेन के विदेश मंत्री मायखाइलो पोडोलीक ने कहा- UNSC का काम दुनिया में शान्ति और सुरक्षा बनाए रखना है। ऐसे में रूस का प्रेसिडेंट होना अप्रैल फूल के दिन सबसे बुरा मजाक है। इससे साबित होता है कि UNSC के काम करने के ढंग में ही कुछ कमी है। पिछले साल यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने UNSC पर रूस को रोकने में नाकामयाब रहने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि काउंसिल को अपने वर्किंग सिस्टम में बदलाव करने की जरूरत है वरना इसे भंग कर दिया जाना चाहिए।
अमेरिका बोला- हम कुछ नहीं कर सकते
यूक्रेन की तरफ से लगातार विरोध के बावजूद रूस की अध्यक्षता को लेकर अमेरिका ने हाथ पीछे कर लिए हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरीन जीन ने कहा- रूस काउंसिल का स्ठायी सदस्य है। ऐसे में कोई भी इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन उनसे 1 महीने की अध्यक्षता नहीं छीन सकता है। ये नीयमों के खिलाफ होगा। हमें लगता है कि रूस इस पावर का इस्तेमाल गलत जानकारी फैलाने और यूक्रेन में अपनी हरकतों को सही ठहराने के लिए करेगा। लेकिन हम इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं।
क्या है UNSC?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन स्थाई सदस्य देश हैं। वहीं 10 देशों को अस्थाई सदस्यता दी जाती है। गैर-स्थाई सदस्यों का कार्यकाल 2 साल के लिए होता है। इसकी सदस्यता को चुनाव के बाद बढ़ाया जाता है। इसके लिए UNSC हर साल पांच गैर-स्थाई सदस्यों के लिए चुनाव कराती है।
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