खूंखार बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू टीम ने किया प्लान तैयार, पढ़ें पूरा मामला
उत्तराखंड के पौड़ी में एक बाघ ने ऐसा तांडव मचाया है कि प्रशासन को धारा 144 लगानी पड़ी। यह बाघ अभी भी पकड़ में नहीं आया है। टीम लगातार कोशिश कर रही हैं लेकिन बाघ अभी पकड़ा नहीं गया है। वन विभाग की टीम ने ड्रॉन के जरिए बाघ को स्पॉट तो किया है लेकिन बाघ को पकड़ने अभी भी असफल है। लोगों में बाघ का खौफ इस कदर बढ़ गया है कि इलाके में क्फूर्य लग गया है। यह पूरा मामला है पौड़ी जिले के दो दर्जनों गांवों का, यहां नैनीडांडा ब्लॉक के बाघ प्रभावित करीब 25 गांवों में एक बाघ के आने से हड़कंप मच गया है। इसको देखते हुए स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की टीम अलर्ट पर हैं। बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे लगा दिए गए हैं। इसके साथ ही उसे ट्रैंकुलाइज (बेहोश) करने के लिए टीम तैनात कर दी गई है।
बाघ को पकड़ने में जुटा प्रशासन
डीएम डॉ. आशीष चौहान ने सोमवार को दुगड्डा लोनिवि गृह में राजस्व व वन अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने तहसील रिखणीखाल व घुमाकोट क्षेत्र में सक्रिय बाघ को देखते हुए संबंधित क्षेत्र के डीएफओ को क्षेत्र में पिंजरों व कैमरा ट्रैप की संख्या बढ़ाने, जिम कार्बेट के विशेषज्ञों से संपर्क कर दो ट्रेंकूलाइजर टीम भेजने, मुख्य मानकों के साथ 10 किमी परिधि का जीपीएस मैप तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही घटना स्थल पर तैनात फॉरेस्ट कर्मियों को पटाखे उपलब्ध कराने, क्षेत्र में फॉरेस्ट गार्ड की संख्या बढ़ाने व बाघ के पकड़े जाने तक क्षेत्र के ग्रामीणों से निरंतर संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
दोनों लोगों की ले चुका है जान
आपको बता दें कि इस बाघ ने लोगों को अपना निवाला भी बना लिया है। बाघ ने पहले रिखणीखाल की ग्राम पंचायत मेलधार के डल्ला गांव (लड्वासैंण) में 13 अप्रैल की शाम खेतों में काम कर बीरेंद्र सिंह (73) को बाघ ने मार डाला था। वन विभाग ने ड्रोन सर्वे में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि इलाके में 1 नहीं बल्कि 2 बाघों की मूवमेंट बनी हुई है। इसके बाद बाघ ने नैनीडांडा के सिमली तल्ली के भैड़गांव पट्टी बूंगी में 15 अप्रैल की रात सेवानिवृत्त शिक्षक रणवीर सिंह नेगी (75) को बाघ ने मार डाला था। यह इलाका पहले वाले घटनास्थल से लगभग 25 किलोमीटर दूर है।
कांग्रेस का सरकार पर निशाना
बाघ के इस मामले में सियासी तूल भी पकड़ लिया है। कांग्रेस नेत्री अनुकृति गुसांई रावत व पूर्व प्रदेश महामंत्री रंजना रावत ने राज्य सरकार पर क्षेत्र की घोर अनदेखी का आरोप लगाया। कहा कि कार्बेट से निकलकर बाघ ने दो लोगों को निवाला बना लिया है। कई दिनों से बाघ क्षेत्र में घूम रहे थे, यदि समय से कार्रवाई की गई होती तो लोगों की जान बच सकती थी। कहा कि अब भी त्वरित कार्रवाई करते हुए हमलावर बाघ को नरभक्षी घोषित किया जाना चाहिए। कहा कि इन बाघों से अन्य लोगों पर हमले की आशंका बनी हुई है।
बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम और प्रशासन अलर्ट पर है। स्थिति को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है। रेस्क्यू टीम ने लोगों को दिन में भी अकेले घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी है। टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरों की संख्या भी बढ़ा दी है। साथ ही ड्रॉन से नजर रखी जा रही है।
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