
आज यानी 10 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहा है। पितृ पक्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या तक रहता है। माना जाता है कि इस दौरान पितर किसी न किसी रूप में धरती पर ही रहते हैं, जिससे वह अपने घर के सदस्यों के द्वारा किए गए श्राद्ध को ग्रहण कर सके और मोक्ष की प्राप्ति कर सके।
पितृ पक्ष की अवधि 15 दिनों की होती है और इस बार 25 सितंबर तक पितृ पक्ष होगा। पितृ दोष से मुक्ति पाकर अपने पितरों का आशीर्वाद लेने के लिए पूरे विधि विधान से पूजा-पाठ करते हैं।
श्राध्द करते समय निकासें ये पांच चीजें
गौ बलि
पहला हिस्सा हमेशा गाय के लिए निकाले। गाय को भोजन कराने से देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं। गाय में 33 कोटि देवी-देवता वास करते हैं। इसलिए गाय के हिस्से को पश्चिम दिशा की ओर रखना चाहिए।
काकबलि
पंचबलि में से एक भाग कौवा के लिए निकालना चाहिए।कौए को यमराज का प्रतीक माना जाता है। इसलिए कौवा का हिस्सा छत पर रख देना चाहिए। माना जाता है कि अगर कौआ आपके द्वारा दिए गए भोजन को खा लेता है, तो पितर भी संतुष्ट हो जाते हैं।
श्वान बलि
पंचबलि का एक हिस्सा कुत्तों के लिए निकाला जाता है। कुत्ते को यमराज का पशु माना जाता है। इसलिए कुत्ते को भोजन कराने से यमराज प्रसन्न होते हैं।
पिपीलिका बलि
पंचबलि का पांचवा हिस्सा चीटियों और अन्य कीड़े-मकौड़ो के लिए निकाला जाता है। इसे खाकर वह तृप्त हो जाते हैं।
देवादि बलि
पंचबलि में से एक हिस्सा देवताओं के लिए निकाला जाता है। इस भाग को अग्नि में समर्पित किया जाता है। इसके लिए घी के साथ पांच निवाले अग्नि के साथ समर्पित करना चाहिए।