रेल मंत्री को सुरक्षा से ज्यादा प्रधानमंत्री की छवि की चिंता: रणदीप सुरजेवाला

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ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रीपल ट्रेन हादसे पर भाजपा सरकार सवालों के कटघरे में आ गई है। विपक्ष नरेंद्र मोदी और अश्विनी वैष्णव पर तंज कस रही है। कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में निशाना साधते हुए कहा कि ‘अधिकारियों ने आगाह किया था कि अगर सिग्नल सिस्टम की निगरानी या उन्हें दुरुस्त नहीं किया गया तो इससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं। बावजूद इसके रेल मंत्री और रेल मंत्रालय शांत क्यों रहा, उन्होंने लापरवाही क्यों दिखाई?’

यहां देखें ट्वीट:

‘सिग्नल सिस्टम पर क्यों दिखाई लापरवाही’

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने आज कोरोमोंडल एक्सप्रेस हादसे को लेकर पीएम मोदी से कई सवाल किए। साथ ही उन्होंने रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग की है। मीडिया से बातचीत के दौरान सुरजेवाला ने रेल मंत्री से पूछा कि आख़िर सिग्नल सिस्टम के बारे में दी गई चेतावनी पर उन्होंने लापरवाही क्यों दिखाई? अधिकारियों ने फरवरी में एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें उन्होंने रेलवे की इंटरलॉकिंग विफलता को लेकर आगाह किया था।

सुरजेवाला ने कहा कि ‘क्या यह सच है कि रेल मंत्री सुरक्षा से ज्यादा प्रधानमंत्री की छवि सुधारने और उनकी मार्केटिंग करने में व्यस्त थे? क्या रेल मंत्री यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय पीएम से वंदे भारत को हरी झंडी दिखवाने और रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण में व्यस्त थे?’ रणदीप कहा कि ‘क्या रेल मंत्री राजस्व बढ़ाने में व्यस्त थे? क्या इसी वजह से रेल मंत्री ने दो जून को होने वाले रेल सुरक्षा के चिंता शिविर को छोड़ा क्योंकि उनका ध्यान वंदे भारत लॉन्च करने पर था?’

रेल मंत्री को क्यों दिए गए आईटी और टेलीकॉम विभाग?

राज्यसभा सांसद सुरजेवाला ने भाजपा सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि भारतीय रेलवे के साथ रोजाना दो करोड़ 20 लाख लोग सफर करते हैं ऐसे में इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो गई? रेल मंत्री को आईटी और टेलीकॉम जैसे बड़े विभाग क्यों दिए गए, क्या रेलवे प्राथमिक नहीं हो सकता था? राज्यसभा सांसद ने रेलवे में खाली पड़े पदों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानव संशाधनों की कमी से रेलवे जूझ रहा है। कैसे बिना कर्मचारियों के रेलवे प्रभावी रूप से सफल काम कर पाएगा? रणदीप ने कहा कि क्यों कवच लागू नहीं किया गया?

गौरतलब है कि शुक्रवार शाम ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से भीषण हादसा हो गया जिसमें 288 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।

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