
War Against Drugs : पंजाब में नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू की गई ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम ने 147वें दिन भी प्रभावी कार्रवाई जारी रखी. इस अभियान के तहत पंजाब पुलिस ने राज्य भर में 362 स्थानों पर छापेमारी कर 113 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया और 72 प्राथमिकी (FIRs) दर्ज कीं. यह अभियान पंजाब को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
व्यापक छापेमारी और जब्ती
पंजाब पुलिस ने 147वें दिन 362 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की, जिसमें 6.1 किलोग्राम हेरोइन, 1.7 किलोग्राम अफीम, 3115 नशीली गोलियां/कैप्सूल/टीके, और 1.02 लाख रुपये की ड्रग मनी जब्त की गई. इस अभियान के साथ, 1 मार्च 2025 से शुरू हुई इस मुहिम में अब तक 23,527 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया जा चुका है. यह ऑपरेशन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव के निर्देश पर सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ चलाया गया.
सरकार की प्रतिबद्धता और नेतृत्व
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पुलिस कमिश्नरों, उपायुक्तों, और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पंजाब को नशामुक्त बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया है. इस मुहिम की निगरानी के लिए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में एक 5 सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी गठित की गई है. यह समिति सुनिश्चित करती है कि अभियान प्रभावी ढंग से लागू हो और नशे के खिलाफ कार्रवाई में कोई कमी न रहे.
तीन-स्तरीय रणनीति: प्रवर्तन, पुनर्वास, और रोकथाम
स्पेशल डीजीपी (कानून व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ तीन-स्तरीय रणनीति—प्रवर्तन (इन्फोर्समेंट), पुनर्वास (डी-एडिक्शन), और रोकथाम (प्रिवेंशन)—अपनाई है. इस रणनीति के तहत, 147वें दिन 180 से अधिक पुलिस टीमों, जिसमें 1100 से अधिक पुलिसकर्मी और 75 गैजेटेड अधिकारी शामिल थे, ने छापेमारी की. इस दौरान 456 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की गई. साथ ही, पुनर्वास के तहत 77 व्यक्तियों को नशा छोड़ने और पुनर्वास उपचार के लिए सहमत किया गया.
पुनर्वास और सामुदायिक सहभागिता
‘युद्ध नशों विरुद्ध’ अभियान केवल तस्करों के खिलाफ कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नशे की लत से पीड़ित लोगों के पुनर्वास पर भी केंद्रित है. सरकारी डी-एडिक्शन केंद्रों में प्रतिदिन मरीजों की संख्या 600 से बढ़कर 2000 हो गई है, और पुनर्वास बेड की संख्या 2000 से बढ़कर 5000 हो गई है. इसके अलावा, OOAT क्लीनिक में पंजीकरण 1 लाख से बढ़कर 1.5 लाख तक पहुंच गया है. यह दर्शाता है कि अभियान न केवल नशे की आपूर्ति को रोक रहा है, बल्कि मांग को कम करने में भी सफल हो रहा है.
अभियान का प्रभाव और भविष्य
‘युद्ध नशों विरुद्ध’ अभियान ने नशा तस्करी के खिलाफ 90% सजा दर हासिल की है, जो इसकी प्रभावशीलता को दर्शाता है. 1 मार्च 2025 से अब तक 14,281 FIRs दर्ज की गई हैं और 940 किलोग्राम हेरोइन, 337 किलोग्राम अफीम, और 18 टन अफीम की भूसी जब्त की गई है. यह अभियान पंजाब को नशामुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है. ग्राम पंचायतों और आम लोगों की भागीदारी ने इस मुहिम को और मजबूती दी है.
यह भी पढ़ें : पंजाब में कृषि क्रांति : मंत्री खुड्डियां ने लुधियाना मेगा फूड पार्क का किया दौरा
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप