PUNJAB : धान खरीद संकट के दौरान किसानों के साथ खड़ी है पंजाब सरकार : हरपाल सिंह चीमा

Share

PUNJAB : पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, हरजोत सिंह बैंस और हरदीप सिंह मुंडिया ने आज यहां पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को एक मांग पत्र सौंपा। केंद्र द्वारा पंजाब से चावल की लिफ्टिंग में तेजी लाने के लिए हस्तक्षेप की अपील की। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को केंद्र सरकार द्वारा शैलर मालिकों से चावल की लिफ्टिंग में की जा रही देरी के बारे में जानकारी दी है,

उन्होंने कहा कि जिससे अनाज मंडियों से धान की उठान में परेशानी आ रही है। मांग पत्र में धान से चावल की कम मिलिंग की समस्या को भी साझा किया गया है और राज्यपाल से केंद्र सरकार से इसका त्वरित समाधान करवाने की अपील की गई। भाजपा द्वारा किए जा रहे गलत प्रचार के बारे में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि 40,000 करोड़ रुपये की सीसीएल लिमिट के बारे में भाजपा नेताओं का दावा वास्तविकता को समझने में कमी को दर्शाता है, क्योंकि सीसीएल लिमिट हर साल धान-गेहूं की खरीद सीजन के दौरान निर्धारित की जाती है।

‘पंजाब के किसानों के प्रति प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर राज्य से चावल की लिफ्टिंग नहीं की’

उन्होंने कहा कि सीसीएल सीमा में अक्सर 600 करोड़ रुपये से 1,000 करोड़ रुपये तक का अंतर होता है, जिसका नुकसान पंजाब सरकार, आढ़तियों या ट्रांसपोर्टरों को होता है। उन्होंने बताया कि इस साल भी लगभग 800 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा केंद्र सरकार को लिखे पत्रों और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्री लाल चंद कटरूचक की केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठकों के बावजूद, केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों के प्रति प्रतिशोध की भावना से प्रेरित होकर राज्य से चावल की लिफ्टिंग नहीं की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर राज्य में डीएपी की कमी को हल करने की अपील की है।

‘आढ़तियों और शैलर मालिकों को बदनाम..’

कैबिनेट मंत्री चीमा ने भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीन काले कानूनों का विरोध करने वाले पंजाब के किसानों को सजा देने और राज्य के किसानों, आढ़तियों और शैलर मालिकों को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने केंद्र सरकार को याद दिलाया कि पंजाब के किसान केंद्रीय पूल में 40त्न गेहूं और 22त्न चावल का योगदान देते हैं, जो उनकी मेहनत का प्रमाण है। पंजाब लंबे समय से भारत का अन्न भंडार रहा है और राज्य के किसानों के अधिकारों को अनदेखा करना अन्याय है।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने दोहराया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार किसानों के साथ खड़ी है। राज्य के सभी मंत्री धान खरीद प्रक्रिया को तेज करने के लिए अनाज मंडियों का दौरा कर रहे हैं। वित्त मंत्री चीमा ने उम्मीद जताई कि पंजाब के राज्यपाल केंद्र सरकार के समक्ष राज्य के हितों की जोरदार वकालत करेंगे।

महाराष्ट्र चुनाव के लिए बीजेपी ने 25 उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट की जारी, टोटल 146 कैंडिडेट हुए घोषित  

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *