राम की नगरी में महामहिम, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने योगी सरकार को सराहा, जानें राष्ट्रपति की बड़ी बातें…
अयोध्या: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक दिवसीय अयोध्या दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होनें अपने संबोधन में कहा कि गांधीजी ने आदर्श भारत की अपनी परिकल्पना को रामराज्य का नाम दिया है। बापू की जीवन-चर्या में राम-नाम का बहुत महत्व था। अपने वनवास के दौरान प्रभु राम ने युद्ध करने के लिए अयोध्या और मिथिला से सेना नहीं मंगवाई। उन्होंने कोल-भील-वानर आदि को एकत्रित कर अपनी सेना का निर्माण किया। अपने अभियान में जटायु से लेकर गिलहरी तक को शामिल किया। आदिवासियों के साथ प्रेम और मैत्री को प्रगाढ़ बनाया।
राम की नगरी में महामहिम
उन्होंने रामायण की एक चौपाई कोट करते हुए कहा कि सार्वजनिक जीवन में प्रभु राम के आदर्शों को महात्मा गांधी ने आत्मसात किया था। वस्तुतः रामायण में वर्णित प्रभु राम का मर्यादा-पुरुषोत्तम रूप प्रत्येक व्यक्ति के लिए आदर्श का स्रोत है। प्रभु राम द्वारा ऐसे समावेशी समाज की रचना, सामाजिक समरसता व एकता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है जो हम सबके लिए आज भी अनुकरणीय है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने योगी सरकार को सराहा
आगे राष्ट्रपति बोले कि निषादराज के साथ प्रभु राम का गले मिलना और उन दोनों का मार्मिक संवाद, समरसता, सौहार्द और प्रेम की उत्कृष्टता का अनुभव कराता है। रामायण में राम-भक्त शबरी का प्रसंग सामाजिक समरसता का अनुपम संदेश देता है। महान तपस्वी मतंग मुनि की शिष्या शबरी और प्रभु राम का मिलन, एक भेद-भाव-मुक्त समाज व प्रेम की दिव्यता का अद्भुत उदाहरण है।
जानें राष्ट्रपति की बड़ी बातें…
साथ ही उन्होनें कहा कि मैं तो समझता हूं कि मेरे परिवार में जब मेरे माता-पिता और बुजुर्गों ने मेरा नाम-करण किया होगा तब उन सब में भी संभवतः रामकथा और प्रभु राम के प्रति वही श्रद्धा और अनुराग का भाव रहा होगा जो सामान्य लोकमानस में देखा जाता है। रामकथा का साहित्यिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव मानवता के बहुत बड़े भाग में देखा जाता है। भारत ही नहीं विश्व की अनेक लोक-भाषाओं और लोक-संस्कृतियों में रामायण और राम के प्रति सम्मान और प्रेम झलकता है।