सिद्धू ने कहा- नैतिक अधिकार से समझौता नहीं कर सकता, मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा

चंडीगढ़: मंगलवार को पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, इसके बाद नेताओं के कई बयान आए। किसी ने कहा की सिद्धू पंजाब के लिए मुफीद चेहरा नही थे, किसी ने कहा कि उनकी नाराजगी पर उनसे बात की जाएगी। इस्तीफा देने के बाद सिद्धू ने कहा कि ‘मेरी किसी के साथ कोई व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता नहीं है। मेरे राजनीतिक करियर के 17 साल एक उद्देश्य के लिए रहे हैं, बदलाव लाने के लिए, एक स्टैंड लेने के लिए और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए। यही मेरा धर्म है’।
मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा: सिद्धू
आगे उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी नैतिकता, नैतिक अधिकार से समझौता नहीं कर सकता। मैं जो देख रहा हूं वह पंजाब में मुद्दों, एजेंडा के साथ समझौता है। मैं आलाकमान को गुमराह नहीं कर सकता और न ही उन्हें गुमराह होने दे सकता हूं। मैं पंजाब के मुद्दों के लिए बहुत देर तक लड़ता रहा। दागी नेताओं, अधिकारियों की एक व्यवस्था थी, अब आप उसी प्रणाली को दोबारा नहीं दोहरा सकते। मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा।
कैप्टन की भविष्यवाणी सच हो रही है: मनीष तिवारी
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पंजाब के मौजूदा राजनीतिक खींचतान पर कहा, कैप्टन अमरिंदर सिंह बहुत बड़े नेता हैं, वो मेरे दिवंगत पिता के करीबी दोस्त थे। हम एक-दूसरे को दशकों से जानते हैं, इसलिए इन परिस्थितियों में मुझे लगता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने लिए सबसे अच्छी स्थिति में हैं। कैप्टन सिंह ने जो भविष्यवाणी की थी वह सच हो रही है। हम में से बड़ी संख्या में जो पक्षपातपूर्ण राजनीति के तोड़-जोड़ से परे चीजों को देखते हैं, उनकी चिंता यह है कि यह किसानों के आंदोलन के कारण सामाजिक उथल-पुथल को देखते हुए पंजाब की व्यापक स्थिरता पर पड़ेगा।
नवजोत सिंह सिद्धू के विषय में मनीष तिवारी ने कहा, ‘पंजाब में जो घटनाक्रम पिछले कुछ दिनों में घटा, वो दुर्भाग्यपूर्ण था। अगर पंजाब की अस्थिरता पर किसी को खुशी है तो वो पाकिस्तान को है। उनको लगता है कि पंजाब में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है तो उनको फिर अपने काले मंसूबों को अंजाम देने का एक और मौका मिलेगा।