Mizoram : पूर्व सीएम जोरमथांगा ने सियासत से संन्यास के दिए संकेत, बोले- मेरी उम्र राजनीति में बन रही रोड़ा
Mizoram : पिछले वर्ष दिसंबर महीने में राज्य के विधानसभा चुनाव में जेडपीएम से करारी शिकस्त मिलने के बाद मिजोरम (Mizoram) के पूर्व सीएम जोरमथांगा का अब राजनीति से मोहभंग हो गया है। आइजोल में पार्टी कार्यालय में एमएनएफ कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा कि मैं बढ़ती उम्र के चलते जल्द ही राजनीति से संन्यास ले लूंगा। उन्होंने कहा कि मैंने इस बारे में पहले ही पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तावंलुइया से बात की थी। हम दोनों ने निर्णय लिया कि पार्टी को उनके बिना भी काम करना चाहिए।
जोरमथांगा ने क्या कहा?
पार्टी कार्यालय के उद्धाटन समारोह में बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा कि मैं और पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तावंलुइया दोनों 80 वर्ष के हो चुके हैं। हमने अपने पार्टी के नेताओं को अपने इस निर्णय के बारे में बताया है। पार्टी के नेता बहुत जल्द ही पार्टी में नई व्यवस्था की घोषणा करेंगे। जोरमथांगा ने कहा कि एमएनएफ पदाधिकारियों का मौजूदा कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है। मैंने और तावंलुइया ने पार्टी नेतृत्व से उन्हें नई जिम्मेदारियां न देने का आग्रह किया है।
जेडपीएम के सिर सत्ता का ताज सजा था
सनद रहे कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद जोरमथांगा ने 5 दिसंबर को एमएनएफ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों ने इस इस्तीफे को नामंजूर कर दिया था। सात नवंबर को हुए राज्य की 40 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 10 सीटों पर ही जीत दर्ज की थी और पूर्ण बहुमत के साथ राज्य की नई पार्टी जेडपीएम के सिर सत्ता का ताज सजा था। मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने 1990 में पार्टी संस्थापक लालडेंगा के निधन के बाद एमएनएफ अध्यक्ष का पद संभाला था।
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