Lakhimpur Violence: आशीष को जमानत, कल रणनीति बनाएंगे किसान नेता
लखीमपुर हिंसा मामले में गिरफ्तार आशीष मिश्रा को जमानत के आदेश के बाद इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने संशोधित कर दिया है। आशीष के वकीलों ने जानकारी दी कि बेल ऑर्डर धारा 302 और 120बी आईपीसी के तहत दी गई है।
आशीष मिश्रा मोनू, केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं। बीते साल 3 अक्तूबर को लखीमपुर में चार किसानों और एक पत्रकार पर थार चढ़ाकर जान लेने के मामले में उन्हें मुख्य अभियुक्त बताया गया है।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा के वकीलों की ओर से दी गई ऐप्लिकेशन को संशोधित करने के आदेश दिए गए हैं। इस बीच किसान नेता मंगलवार को लखनऊ जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे।
रिहाई में फंसा था पेंच
बीती 10 फरवरी, गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस राजीव सिंह की अदालत ने आशीष मिश्र मोनू की याचिका पर सुनवाई करते हुए ज़मानत मंजूर कर दी थी।
लखीमपुर में आशीष मिश्र मोनू के वकील अवधेश सिंह ने जानकारी दी, “हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को जो ज़मानत ऑर्डर टाइप कराया था उसमें धारा 120 बी और 302 आईपीसी का जिक्र छूट गया था, इसलिए हमलोगों ने ज़मानत आदेश में संशोधन के लिए प्रार्थनापत्र दिया था, इस पर संशोधित आदेश पारित कर दिया।”
आशीष मिश्र मोनू जेल से बाहर कब तक बाहर आ सकते हैं, ये पूछे जाने पर उनके वकील अवधेश सिंह ने कहा, “हम आज माननीय हाईकोर्ट का आदेश ज़िला जज की अदालत में दाख़िल कर रहे हैं। अदालत अब जमानत पर प्रतिभूति तय करेगी। फिर उसका सत्यापन होगा. इसके बाद ही रिहाई होगी।”
आशीष मिश्रा की जमानत पर विपक्षी दल नाराजगी जता रहे हैं। प्रियंका गांधी से लेकर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने भी जमानत मिलने पर सवाल खड़े किए हैं। तिकुनिया में मारे गए किसानों के परिजनों ने भी जमानत मिलने पर काफी हैरानी जताई है।
चुनाव में बनेगा मुद्दा?
आशीष मिश्र मोनू को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में जारी चुनाव में क्या यह मुद्दा बनेगा, इस सवाल पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक कहते है,”आशीष को ज़मानत मिलने पर किसानों का गुस्सा बढा है। इससे सत्ता को वोटों का नुकसान भी बढ़ेगा। किसानों को लग रहा सब प्री प्लांड है।
लचर पैरवी की गई है। इसलिए बेल मिली. हम काग़ज़ इकट्ठे कर रहे हम सुप्रीम कोर्ट बेल के ख़िलाफ़ जाएंगे।”