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हमेशा विवादों से जुड़ा रहा है हरक सिंह का नाम, लग चुके हैं दुष्कर्म के आरोप

हरक सिंह रावत विवाद
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हरक सिंह रावत का विवादों से चोली-दामन का साथ है। वे जैनी प्रकरण से सबसे ज्यादा चर्चाओं में आए थे। हरक सिंह के राजनीतिक करियर में उनके ऊपर कई तरह के आरोप लगे हैं। 2003 में उन्हें जैनी प्रकरण में अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा था।

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जैनी नाम की एक महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था और यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि उनके बच्चे का पिता हरक सिंह रावत है। जिसके बाद इस मामले में डीएनए टेस्ट कराया गया था, लेकिन डीएनए टेस्ट रिपोर्ट को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया। बाद में मामले को रफादफा कर दिया गया।

2012 में विधानसभा चुनाव में हरक सिंह रावत मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक बयान दिया जो बहुत विवादों में रहा था। अपने बयान में उन्होंने कहा था कि मंत्री पद को मैं अपने जूते की नोक पर रखता हूं।

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2013 में हरक सिंह पर शारीरिक शोषण का आरोप लगा। मेरठ निवासी एक महिला ने हरक सिंह पर शोषण का आरोप लगाया था। उस वक्त हरक सिंह विजय बहुगुणा सरकार में मंत्री थे। फिर फरवरी 2014 में मेरठ की रहने वाली महिला ने दिल्ली के सफदरगंज थाने में हरक सिंह के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था।

बाद में दोनों पक्षों की कथित सहमति के बाद मामले को रफादफा कर दिया गया। 29 जुलाई 2016 में उक्त महिला ने फिर से हरक के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया।

18 मार्च 2016 में हरक सिंह ने हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत किया और नौ बागियों के साथ विद्रोह किया। बाद में हरीश रावत सरकार को हटाकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हरीश रावत सरकार पुन: बहाल हुई। जिसके बाद हरक सिंह रावत ने भाजपा को ज्वॉइन कर लिया।

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