‘अखिलेश जी, राजनीति में इतनी घृणा भी अच्छी नहीं होती’- राजा भैया

उत्तर प्रदेश में छठे चरण (6th Phase Voting) को लेकर पार्टियां जोरो शोरों से चुनावी प्रचार में जुटी हुई हैं। यूं तो चुनाव अंतिम चरणों में पहुंच रहा है लेकिन प्रचार के साथ-साथ बयानबाजियां भी नेताओं के बीच तेज और तीखी होती जा रही हैं।
मत करें घृणा की राजनीति
राजा भैया (Raja Bhaiya) ने सपा प्रमुख पर घृणा की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अखिलेश जी को घृणा वाली राजनीति नहीं करनी चाहिए। ये बात राजा भैया ने तब कही है जब अखिलेश ने कुंडा में फर्जी वोटिंग किए जाने का आरोप लगाया था।
कई दशकों बाद सपा ने राजा भैया के सामने उतारा प्रत्याशी
सपा ने कई सालों बाद राजा भैया के सामने कुंडा विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतारा था, जिसकी वोटिंग पांचवे चरण में संपन्न हो चुकी है। गुलशन यादव समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर दावेदारी पेश कर रहे थे। लेकिन मतदान वाले दिन सपा प्रमुख ने कुंडा सीट पर फर्जी वोटिंग का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया था, जिससे बवाल खड़ा हो गया था। हालांकि बाद में अखिलेश ने वो ट्वीट डिलीट कर दिया था।
फर्जी वोटिंग का लगाया था आरोप
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा था कि कुंडा में जिस तरह बूथ पर उपस्थित किसी दल के अवांछित व्यक्ति द्वारा सरेआम महिलाओं के वोटों का बटन दबाया जा रहा है, उसके वीडियो का संज्ञान लेते हुए चुनाव पर्यवेक्षक चुनाव आयोग से कुंडा का चुनाव रद्द करने की अपील करें। साथ ही दोषी व्यक्ति को चिन्हित कर तत्काल गिरफ़्तार करवाएं।
पोस्ट किया गया वीडियो 2019 का था
अखिलेश ने बाद में ये ट्वीट डिलीट तो कर दिया था लेकिन राजा भैया ने उन पर तंज कसने का मौका अपने हाथ से नहीं जाने दिया।
राजा भैया ने अखिलेश के दावे पर ट्वीट करते हुए लिखा, आदरणीय @yadavakhilesh जी, आप एक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और वरिष्ठ राजनेता भी, उक्त वीडियो 2019 के चुनाव का हरियाणा का है जिसे आप कुण्डा का बताकर चुनाव निरस्त करने की माँग कर रहे हैं, राजनीति में इतनी घृणा भी अच्छी नहीं होती।
भाजपा-सपा की मदद से बनते आए हैं मंत्री
राजा भैया की राजनीति की बात की जाए तो वो कभी बीजेपी तो कभी सपा के बल पर मंत्री बनते आए हैं। 2022 चुनावों में करीब डेढ़ दशक बाद पहली दफा राजा भैया को चुनौती देने के लिए समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी उतारा है। उनके लिए भी ये चुनौती बड़ी है क्योंकि इससे पहले वो बिना किसी विपक्ष के आसानी से सीट पर जीत दर्ज कर लेते थे।
गौरतलब है कि पांचवे चरण के लिए मतदान रविवार 27 फरवरी को हुआ था। केवल दो चरणों के चुनाव शेष हैं जो कि 3 मार्च और 7 मार्च को पूरे हो जाएंगे। 10 मार्च को बाकी चुनावी राज्यों के साथ देश के सबसे बड़े सूबे में भी नतीजे घोषित हो जाएंगे।