वे सिर्फ ध्रुवीकरण, हिंदू-मुसलमान करके अपनी राजनीति करना चाहते हैं : तेजस्वी
Political statements : देश के कई नेताओं ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए विधेयक लाने की ख़बरों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. एक ओर जहां विपक्ष ने इसे सत्ता पक्ष की ध्रुवीकरण की राजनीति करार दिया है तो वहीं सत्ता पक्ष के नेता इसका समर्थन करते नजर आ रहे हैं.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव ने मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए विधेयक ला सकती है पर कहा, “केंद्र सरकार जनहित के काम नहीं करती, उन्हें महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी से कोई मतलब नहीं है. वे सिर्फ ध्रुवीकरण, हिंदू-मुसलमान करके अपनी राजनीति करना चाहते हैं। भाजपा के लोगों को पहले बताना चाहिए कि जो आरक्षण हमने बढ़ाया उसे वे 9वीं अनुसूचि में क्यों नहीं डाल रहे? बिहार के विशेष राज्य के दर्जे के वादे का क्या हुआ?
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कहा, “यह सरकार पक्षपात कर रही है, कुछ वर्गों के साथ अन्याय कर रही है। सरकार बनने के बाद सरकार जनता की होती है लेकिन यह सरकार चुन-चुनकर कुछ वर्गों के साथ पक्षपात कर रही है।”
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा, “आज इसकी आवश्यकता है क्योंकि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अपने ढंग से कानून चलाते हैं, इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता, इसलिए सरकार यह कानून ला रही है ताकि अगर कहीं कोई गलती हो रही है तो सरकार उसमें हस्तक्षेप करे… वे(अखिलेश यादव) मुसलमानों का वोट लेने और उन्हें गुमराह करने के लिए इसका विरोध कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “वक्फ बोर्ड कानून में संसोधन बहुत जरूरी है इसे पहले होना चाहिए था क्योंकि वक्फ बोर्ड से कुछ लोग गलत काम कर रहे हैं…वक्फ बोर्ड कानून में संसोधन अल्पसंख्यक के गरीब तबके के लोगों के हित के लिए है।
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