रिस्क लेने की क्षमता है, उसका अभी पूर्णरूप से इस्तेमाल नहीं हुआ : पीएम मोदी

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Podcast : जेरोधा के फाउंडर निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने अपने जीवन के किस्सों को सुनाया। इसके साथ ही 2002 में हुए गोधरा दंगों पर भी बात की। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी जो रिस्क लेने की क्षमता है, उसका अभी पूर्णरूप से इस्तेमाल हुआ ही नहीं है। बहुत कम हुआ है। रिस्क लेने की क्षमता अनेक गुना ज्यादा है।

जीवन का किस्सा सुनाया

पीएम मोदी ने कहा, मैं छोटा था, शायद प्राइमरी स्कूल में पढ़ता था, मुझे ठीक से याद नहीं है, मेरे राज्य में कोई सैनिक स्कूल शुरू हुआ था, मुझे अखबार पढ़ने की आदत थी. मैं विज्ञापन भी पढ़ डालता था. मेरे गांव में पुस्तकालय था, मैं वहां चला जाता था, मैंने इस सैनिक स्कूल के बारे में पढ़ा. मैंने एक या डेढ़ रुपये के पार्सल में उसके बारे में सब कुछ मंगवाया। मेरे यहां रासबिहारी मनियार के नाम से एक प्रिंसिपल थे।

गोधरा दंगे पर की खुलकर बात

पीएम मोदी ने कहा कि गोधरा में पांच जगहों पर बम ब्लास्ट हुए। आप कल्पना कर सकते हैं उस क्या स्थिति रही होगी। मैंने अपने सिक्योरिटी वालों से कहा कि मैं पुलिस कंट्रोल रूम में जाना चाहता हूं। इस पर सिक्योरिटी वालों ने सुरक्षा का हवाला देकर वहां जाने से मना कर दिया। मैं कहा जो भी होगा मैं वहां जाउंगा। मैं आकर गाड़ी में बैठ गया। मैं कहा सबसे पहले अस्पताल जाउंगा। सिक्योरिटी वालों ने कहा कि हर जगह ब्लास्ट हो रहे हैं। इसके बावजूद में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए घायलों को देखने अस्पताल पहुंचा।

‘मैं विधानसभा में था, निकलते ही…’

पीएम मोदी ने कहा कि मेरे अंदर जिम्मेदारी का भाव था। मैं 24 फरवरी 2002 को पहली बार विधायक बना। 27 फरवरी को पहली बार विधानसभा गया। विधायक बने तीन दिन भी नहीं हुए थे कि अचानक गोधरा कांड हो गया। उस समय मैं विधानसभा में था। निकलते ही हमने कहा कि मैं गोधरा जाना चाहता हूं। मैंने कहा कि पहले हम वरोदरा जाएंगे वहां से हेलीकॉप्टर लेंगे। मुझे बताया गया कि हेलीकॉप्टर नहीं है। मैंने कहा कि देखिए किसी का मिल जाए तो। एक सिंगल इंजन वाला हेलीकॉप्टर मिला। मुझे कहा गया कि जो हेलीकॉप्टर है उससे वीआईपी को नहीं ले जाया जा सकता।

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