POCSO Act: आरोपी को दिल्ली HC से राहत, घटना के समय मनोदशा नहीं थी ठीक

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POCSO Act: दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति के खिलाफ यौन उत्पीड़न और पीछा करने के एक केस को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी मानसिक रूप से अस्थिर था और अपने करतूत से अनजान था। जज तुषार राव गेडेला ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के मेडिकल बोर्ड द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए केस को रद्द किया है।

POCSO Act: पीड़िता के पिता ने नहीं जताई आपत्ति

केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पीड़िता के पिता से भी इस विषय में बातचीत की। पीड़िता के पिता ने केस रद्द करने पर कोई आपत्ति नहीं जताई हैं। लेकिन पुलिस द्वारा कोर्ट के रिकॉर्ड पर दायर की गई स्थिति रिपोर्ट से पता चलता है कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को पीड़िता के साथ कैद किया गया है। लेकिन मेडिकल रिकॉर्ड को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपी अपने करतूत से अनजान था,”

पॉक्सो अधिनियम के तहत केस दर्ज

बता दें कि आरोपी व्यक्ति पर नवंबर 2021 में कक्षा-6 की एक छात्रा के बयान के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा-354 डी (पीछा करना) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) की धारा-12 (यौन उत्पीड़न) के तहत केस दर्ज किया गया था। नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उसे गलत तरीके से छुआ और उसका पीछा भी किया। लेकिन आरोपी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने केस रद्द करने की मांग की, वकील ने कहा कि आरोपी Bipolar Disorder का मरीज था और घटना के समय उसका अपने कार्यों पर कोई नियंत्रण नहीं था।

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