उत्तराखंड को PM मोदी ने दी सौगात, बोले- टोक्यो ओलंपिक में देवभूमि ने लहराया अपना परचम
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को सौगात देते हुए एम्स ऋषिकेश से राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों को मिलाकर 35 राज्यों में पीएम केयर्स के तहत स्थापित 35 प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट राष्ट्र को समर्पित किए।
PM @narendramodi ने उत्तराखंड में पीएम केयर्स के तहत स्थापित देशभर के 35 ऑक्सीजन प्लांट राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि ये हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि कोरोना वैक्सीन की 93 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। बहुत जल्द हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएंगे। भारत ने Cowin प्लेटफॉर्म का निर्माण करके पूरी दुनिया को राह दिखाई है कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन किया कैसे जाता है।
पीएम मोदी ने ऋषिकेश एम्स में किया ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण
PM ने ऋषिकेश एम्स में ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने एम्स से वर्चुअल माध्यम से देशभर के मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों में स्थापित करीब 35 ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण भी किया। ऋषिकेश एम्स में ऑक्सीजन प्लांट के लोकार्पण से जनता को काफी सहूलियत मिलेगी। इससे उत्तरांखड की जनता को आराम भी मिलेगा।
जानें PM मोदी की बड़ी बातें…
उत्तराखंड की दिव्य धरा ने मुझ जैसे अनेक लोगों के जीवन की धारा को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस भूमि से मेरा नाता मर्म का है, कर्म का भी है, सत्व का भी है तत्व का भी है।
मैं बधाई देता हूं आप सबको, इस बार टोक्यो ओलंपिक में देवभूमि ने भी अपना झंडा गाड़ दिया है। आप सब लोग अभिनंदन के अधिकारी है।
बीते कुछ दिनों में पीएम केयर्स द्वारा स्वीकृत 1,150 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट्स काम करना शुरू कर चुके हैं। अब देश का हर जिला पीएम केयर्स के तहत बने हुए ऑक्सीजन प्लांट से कवर हो चुका है।
सामान्य दिनों में भारत में एक दिन में 900 मीट्रिक टन, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का प्रॉडक्शन होता था। डिमांड बढ़ते ही भारत ने मेडिकल ऑक्सीजन का प्रॉडक्शन 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ाया। ये दुनिया के किसी भी देश के लिए अकल्पनीय लक्ष्य था, लेकिन भारत ने इसे हासिल करके दिखाया।
आज से नवरात्र का पावन पर्व भी शुरु हो रहा है। आज प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री, हिमालय पुत्री हैं। और आज के दिन मेरा यहां होना, यहां आकर इस मिट्टी को प्रणाम करना, हिमालय की इस धरती को प्रणाम करना, इससे बड़ा जीवन में कौन सा धन्य भाव हो सकता है।