बिहारः आरक्षण का दायरा बढ़ाने को पटना हाईकोर्ट में चुनौती
Petition Filed in PHC: बिहार में राज्यसरकार द्वारा आरक्षण दयारा बढ़ाने के विरोध में एक याचिका पटना हाईकोर्ट में दायर की गई। इस याचिका की प्रति को महाअधिवक्ता कार्यालय भेजा गया है। इसके बाद इसे सूचीबद्ध किया जाएगा।
Petition Filed in PHC: मुख्य न्यायाधीश की अनुमति के बाद होगी सूचीबद्ध
बिहार में एससी, एसटी, बीसी और ओबीसी वर्ग के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का कोटा बढ़ाने वाले कानून को कोर्ट में चुनौती दी गई है। पटना हाईकोर्ट में इस मामले में एक याचिका दायर की गई। मुख्य न्यायाधीश की अनुमति के बाद इस याचिका को सूचीबद्ध किया जाएगा।
Petition Filed in PHC: गौरव और नमन ने की दायर
यह लोकहित याचिका गौरव कुमार व नमन श्रेष्ठ ने दायर की है। बिहार विधान मंडल ने बिहार आरक्षण (अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ी जाति) (संशोधन) अधिनियम, 2023 और बिहार (शिक्षण संस्थानों में प्रवेश) आरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023 पारित किया। इसके द्वारा आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत की गई।
Petition Filed in PHC: याचिका में की रोक लगाने की मांग
अब इसके खिलाफ पटना हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में इस पर रोक लगाने की मांग की गई है। आरक्षण संशोधन संबंधी विधेयक पर राज्य सरकार ने 21 नवंबर 2023 को गजट में अधिसूचना जारी कर दी थी। इसके साथ ही राज्य की सेवाओं और शिक्षण संस्थानों के दाखिले में नया आरक्षण कानून प्रभावी हो गया है।
‘जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने का प्रवाधान नहीं’
इस कानून के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया कि जातिगत सर्वेक्षण के आधार पर पिछड़ी जातियों का प्रतिशत 63.13 है जबकि इनके लिए 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत आरक्षण कर दिया गया। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने का कोई प्रावधान नहीं है। संशोधित अधिनियम भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
ये भी पढ़ें: Tribute: ‘ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ नेता थे विश्वनाथ प्रताप सिंह’