Parliament : किरण रिजिजू ने संसद में गिनाए 10 प्वाइंट, क्यों लाए वक्फ बोर्ड बिल ?

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Parliament : संसद का सत्र चल रहा है। ऐसे में सरकार ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया है। लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बिल को पेश किया। इसी को लेकर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने संसद में 10 प्वाइंट बताए। उन्होंने गुरुवार को कहा कि आर्टिकल 25 से लेकर 30 तक, किसी में भी धार्मिक बॉडी में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है. ना ही संविधान के किसी भी अनुचकिसी भी अनुच्छेद का इसमें उल्लंघन किया गया है।

किरण रिजिजू ने कहा कि इस बिल में जो भी प्रावधान हैं, आर्टिकल 25 से लेकर 30 तक, किसी में भी धार्मिक बॉडी में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है. ना ही संविधान के किसी भी अनुचकिसी भी अनुच्छेद का इसमें उल्लंघन किया गया है.इसमें हमने जो बदलाव किए हैं किसी का हक छीनना तो छोड़ दीजिए, जिनको हक नहीं मिला है उनको देने के लिए यह बिकिसी का हक छीनना तो छोड़ दीजिए, जिनको हक नहीं मिला है उनको देने के लिए यह बिल लाया गया है. इसमें महिलाओं के लिए, बच्चों के लिए, मुस्लिम समुदाय में जो इसमें महिलाओं के लिए, बच्चों के लिए, मुस्लिम समुदाय में जो पिछड़े हैं उनके लिए, जिसको आजतक कभी मौका नहीं मिला उनको जगह देने के लिए यह बिल लाया गया है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने जो तर्क दिए हैं इस बिल का विरोध करते हुए, वो स्टैंड नहीं करते. इस बिल में संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया गया है. ये किसी उल्लंघन नहीं किया गया है. ये किसी भी धर्म में दखल नहीं है. किसी का हक छीनने के लिए नहीं, जिनको दबाकर रखा गया उनको जगह देने के लिए ये बिल लाया गया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का भी जिक्र किया और ये भी कहा कि ये कॉन्क्रीट में है. भारत सरकार को बिल लाने का अधिकार है। निर्णय का भी जिक्र किया और ये भी कहा कि ये कॉन्क्रीट में है. भारत सरकार को बिल लाने का अधिकार है

किरण रिजिजू ने कहा कि सबके प्वाइंट मैंने नोट किया. मैं बारी-बारी से कहना चाहता हूं कि कि यह वक्फ अमेंडमेंट बिल पहली बार सदन में पेश नहीं किया जा रहा है. अंग्रेजों के जमाने सदन में पेश नहीं किया जा रहा है. अंग्रेजों के जमाने से लेकर, आजादी के बाद सबसे पहले ये एक्ट लाया गया है 1954 में, उसके बाद कई कई अमेंडमेंट हुए हैं. उसके बाद कई कई अमेंडमेंट हुए हैं. जो अमेंडमेंट हम लाने जा रहे हैं सदन में, वो वक्फ एक्ट 1995 जिसको 2013 में अमेंडमेंट लाकर करके, इस पूरे वक्फ के परपज अमेंडमेंट लाकर करके, इस पूरे वक्फ के परपज और इंटेशन और जिसमें लोगों को उम्मीद थी कि कुछ बेहतर होगा उसे उलटा करके 2013 में ऐसा प्रावधान डाला गया जिसकी वजह से आज हम अमेंटमेंट लाए हैं।

1995 में जो भी प्रावधान लाए गए थे, उसका कई लोगों ने अलग-अलग अससमेंट किया है. कई कमेटियों और लोगों ने उसका अध्ययन किया है. पता चला कि जिस परपज के कई कमेटियों और लोगों ने उसका अध्ययन किया है. पता चला कि जिस परपज के लिए बिल लाया गया था वो उद्देश्य सफल नहीं हुए और कई गलतियां उसमें पाई गई हैं. मैं आ…कई गलतियां उसमें पाई गई हैं. मैं आज इस सदन में कहना चाहता हूं कि कि आप लोगों (कांग्रेस) ने जो भी कदम उठाया है, जो आप नहीं कर पाए उसी को पूरा करने हम ये संशोधन कर रहे हैं।

रिजिजू ने व्यक्तिगत केस बताए और कहा कि बोहरा समाज का एक केस है. मुंबई में एक ट्रस्ट है, उसे हाईकोर्ट ने सेटल कर दिया था. दाऊद इब्राहिम के आसपास ही राहत मुंबई में एक ट्रस्ट है, उसे हाईकोर्ट ने सेटल कर दिया था. दाऊद इब्राहिम के आसपास ही रहते हैं. एशिया के लार्जेस्ट स्कीम को उसी जगह लॉन्च किया गया है. कि किसी आदमी ने उसी प्रॉपर्टी को वक्फ बोर्ड में शिकायत कर दी और वक्फ बोर्ड ने उसे नोटिफाई कर दिया वक्फ बोर्ड ने उसे नोटिफाई कर दिया. जो आदमी न उस शहर में है, न उस राज्य में है, वक्फ बोर्ड के माध्यम से एक प्रोजेक्ट को डिस्टर्ब कर दिया। तमिलनाडु में वक्फ बोर्ड के माध्यम से एक प्रोजेक्ट को डिस्टर्ब कर दिया. तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली जिले में 1500 साल पुराने सुंदरेश्वर टेंशन था।

1976 में वक्फ इन्क्वायरी रिपोर्ट पेश की गई थी. इस रिपोर्ट में जो बड़ी रिकमडेशन आई है वो बताता हूं, सारा वक्फ बोर्ड मुतावलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि सारा वक्फ बोर्ड मुतावलिस के कब्जे में चले गए हैं. उसको डिसिप्लेन करने के लिए प्रॉपर कदम उठाए जाने चाहिए. आपस में  जो मतभेद प्रॉपर कदम उठाए जाने चाहिए. आपस में जो मतभेद हैं उनको सॉल्व करने के लिए ट्राइब्यूनल होना चाहिए। उसमें कहा गया है कि वक्फ बोर्ड में ऑडिट और अकाउंट्स का सिस्टम प्रॉपर नहीं है, उसका पूरा प्रबंधन होना चाहिए. उसमें सुधारों की वकालत की गई है।

कांग्रेस के समय दो कमेटी बनाई गई थी जिसमें जस्टिस राजेंद्र सच्चर के नेतृत्व में 2005 में गठित की गई थी. ये विशेष रूप से  मुस्लिमों के लिए, उनके वेलफेयर 2005 में गठित की गई थी. ये विशेष रूप से  मुस्लिमों के लिए, उनके वेलफेयर के लिए गठित की गई है. रिपोर्ट के बारे में सबको पता है।

4.9 लाख रजिस्टर्ड वक्फ प्रॉपर्टीज से : किरण रिजिजू

सच्चर कमेटी का जो पहला रिकमडेशन है, इसमें पहला वार्षिक वाय से जितना वक्फ की प्रॉपर्टी से है,  4.9 लाख रजिस्टर्ड वक्फ प्रॉपर्टीज से सिर्फ 100.63 करोड़ 4.9 लाख रजिस्टर्ड वक्फ प्रॉपर्टीज से सिर्फ 100.63 करोड़ ही आमदनी जनरेट होती है. ये किसी भी रूप से जस्टिफाई नहीं किया जाता है. इसके मार्केट के तरीके से इसके मार्केट के तरीके से मैनेज होना चाहिए.जिस समय उन्होंने सिफारिश की थी उस समय 12000 करोड़ रुपये साल के मिलते थे।

राजनीतिक दबाव में विरोध : किरण रिजिजू

आज आपको (विपक्ष) हमें शाबाशी देनी चाहिए. ये राजनीतिक दबाव में विरोध कर रहे हैं, अंदर ही अंदर सबलोग सजेशन दे रहे हैं. इस बिल पर जिनता सलाह पिछले 10 साल इस बिल पर जिनता सलाह पिछले 10 सालों में किया गया है, इतना किसी अन्य सरकार ने कभी नहीं किया है. जो संविधान का हवाला देकर, बिल के उद्देश्य को मिसलीड करना चाहते हैं।

पिछले एक साल में ही ऑनलाइन : किरण रिजिजू

हमने 2014 के बाद हजारो-लाखों लोगों से कंसल्टेशन किया है. पिछले एक साल में ही ऑनलाइन कंप्लेन 194 और 93 कंप्लेन वक्फ से संबंधित हमारे ऑनलाइन पोर्टल में ऑनलाइन पोर्टल में आया है. कल देर रात तक मेरे पास मुसलमानों का डेलिगेशन आते रहा, हमसे पहले भी कई लोग आते रहे हैं. ये मुसलमानों को गुमराह कर रहे है।

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