अफ़ग़ानिस्तान मामले में पाकिस्तान ने मानी भारत की मांग
भारत और पाकिस्तान के बीच अफ़ग़ानिस्तान में जीवन रक्षक दवाओं को भेजे जाने को लेकर एक विवाद चल रहा था।
दरअसल, भारत से अफ़ग़ानिस्तान 50,000 मीट्रिक टन गेहूँ और जीवन रक्षक दवाइयाँ भेजने को लेकर पाकिस्तान से टकरार चल रही थी।
गुरुवार को पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेज़ी अख़बार एक्सप्रेस ट्रिब्यून में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत वाघा बॉर्डर के ज़रिए ये सामान या तो भारतीय ट्रक या अफ़ग़ानिस्तान के ट्रक से भेजने की शर्त रखी थी।
रिपोर्ट में छपे लेख के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत की मांग को अव्यावहारिक बताते हुए मानने से इनकार कर दिया था।
शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से इसी संदर्भ में एक बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है, ”पाकिस्तान ने भारत को मानवीयता के आधार पर वाघा बॉर्ड से अफ़ग़ानिस्तान 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और जीवन रक्षक दवाइयां भेजने की अनुमति दे रहा है। इसके साथ ही हमने ये फ़ैसला लिया है कि इन सामानों को वाघा बॉर्डर से तोरखम ले जाने के लिए अफ़ग़ान के ट्रकों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
बयान में आगे कहा गया, यह फ़ैसला अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय मदद के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस फ़ैसले से भारत के विदेश मंत्रालय को सूचित कर अवगत करा दिया गया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के बैनर तले ट्रकों को भेजने की बात कह रहा था।