गरीबों को सरकारी अनाज के लिए बनाया गया मोहताज- मायावती

बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की नेता मायावती (Mayawati) ने डॉक्टर भीमराव आंबेडकर (Bhimrao Abedkar) की पुण्यतिथि के मौके पर गरीबी, महंगाई और सरकारी अनाज पर गरीबों की निर्भरता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये एक दुखद स्थिति है. देश की सरकार ने गरीबों को सरकारी अनाज के मोहताज बना दिया है.
दलितों के मसीहा को किया नमन
इस मौके पर मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी बात रखते हुए कहा, “लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के ग़रीबों, मज़दूरों, दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा और देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित.”
गरीबों की स्थिति अत्यंत दुखद
देश में ग़रीबों की स्थिति पर दुख जाहिर करते हुए मायवाती ने लिखा है, “किंतु देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा, ना यह आज़ादी का सपना था और ना ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद है.”
आमदनी अठन्नी खर्चा रुपया- Mayawati
उन्होंने आगे कहा, “देश में रोटी-रोजी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त और चिंतनीय, जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी.”