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यमन में फांसी से बची भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, जानिए कैसे भारत की कूटनीति ने बचाई उसकी जान!

अहम बातें एक नजर में –

  • ये भारत और यमन के धार्मिक नेताओं के दखल के बाद मुमकिन हो सका है.
  • अधिकारियों ने बताया कि यह काम “खामोश और लगातार” कोशिशों का नतीजा है.
  • निमिषा प्रिया भारत के केरल राज्य की रहने वाली हैं.
  • भारत सरकार, सऊदी एजेंसियां और धार्मिक नेता फांसी टालने और मामले को सुलझाने के लिए सक्रिय रूप से बातचीत कर रही हैं.

Nimisha Priya : भारतीय सीमा से कोसो किलोमीटर दूर यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा को फिलहाल टाल दिया गया है. निमिषा पर पिछले 8 साल से केस चल रहा है, जिसके चलते वो जेल में बंद थी. वहां की सर्वोच्च अदालत ने हाल ही में उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी.


विदेश मंत्रालय की तरफ से लगातार प्रयास

निमिषा प्रिया को यमन की जेल से रिहा करवाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे. इस बीच वहां की सर्वेच्च अदालत की तरफ से पिछले दिनों 16 जुलाई, 2025 के लिए फांसी देने की सजा तय की गई थी. इस मामले में विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि निमिषा प्रिया के मामले में भारतीय दूतावास लगातार स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर संपर्क स्थापित कर रहा था. इसके लिए उन्हें यमन के कानूनी पहलुओं से जुड़ी जानकारी भी दी जा रही थी.


यमन में हुती विद्रोही रहते है हावी

बता दें कि दुनिया के नक्शे में यमन पश्चिम एशिया का एक देश है. यहां के एक बड़े इलाके पर हुती विद्रोहियों का कब्जा है, जो कि लगातार वहां तनाव पैदा करते रहते हैं. ऐसे में वहां जानें से अमेरिका और यूरोप जैसे देश भी 10 बार सोचते हैं. ऐसे में इसे भारत सरकार की कूटनीति का असर भी कहा जा सकता है, जिसके चलते निमिषा की जान बच सकी है.


क्या है यमन का ब्लड मनी कानून?

दरअसल, यमन में एक कानून इस्लामिक कानून है, जिसे ब्लड मनी कहा जाता है. इस कानून के चलते यदी कोई परिवार ब्लड मनी यानी हत्या के बदले पैसे लेने पर मान जाता है, तो फांसी की सजा रोकी जा सकती है. इस मामले में पीड़ित परिवार ब्लड मनी कानून पर राजी हो गया. इसके बाद परिवार और भारत सरकार के संयुक्त प्रयासों से निमिषा की जान बच पाई है.


जानें क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि निमिषा प्रिया केरल की निवासी है और वो नौकरी करने के लिए यमन गई थी. वहां पर उसने एक यमनी नागरिक तलत अबोद के संग क्लीनिक शुरू किया था. बाद में पता चला कि वहीं सहयोगी उसका शारीरिक और मानसिक शोषण करता था. उसी ने निमिषा के पासपोर्ट और बाकी दस्तावेज छीन लिए थे. अदालत में दर्ज केस के मुताबिक अपना पोसपोर्ट वापस लेने के लिए निमिषा ने बेहोशी का इंजेक्शन दिया था. इससे उसकी मौत हो गई थी.


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