नीरज चोपड़ा ने कहा- अगला लक्ष्य 90 मीटर भाला फेंकना; 7 अगस्त जेवलिन थ्रो डे घोषित, मिल्खा सिंह को समर्पित किया गोल्ड मेडल
नई दिल्ली:टोक्यो ओलंपिक समापन के बाद भारत के नाम का परचम लहरा वतन लौटे खिलाड़ियों के साथ एथलेटिक्स फ़ेडरेशन ने दिल्ली के एक ताज होटल में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की।
फ़ेडरेशन ने नीरज चोपड़ा के स्वर्णिम जीत को यादगार बनाने और भारत में जेवलिन थ्रो को बढ़ावा देने के मक़सद से सात अगस्त को जेवलिन थ्रो डे के रूप में घोषित किया।
प्रेस कॉन्फ़्रेंस में नीरज चोपड़ा के अलावा डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर, रिले रेस की टीम समेत कई अन्य एथलीट भी मौजूद थे।
फ़ेडरेशन ने सभी खिलाड़ियों को सम्मानित किया और ओलंपिक में उनके प्रदर्शन के बेहतरीन लम्हों का एक वीडियो बनाकर सबके साथ साझा किया।
कॉन्फ़्रेंस के दौरान जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा ने भारतीय सेना, प्रधानमंत्री मोदी, एथलेटिक्स फ़ेडरेशन और अपने स्पॉन्सर्स का शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने कहा, “कोरोना काल में कई तरह की मुश्किलें आने के बावजूद सबके सहयोग और मेहनत से हमने यहां तक का सफ़र तय किया।”
नीरज से आगे के लक्ष्य के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ”टोक्यो ओलंपिक में मैं 90 मीटर तक जेवलिन फेंकना चाहता था लेकिन वो हो न सका। मैं प्रैक्टिस के दौरान इसके आस-पास जाता रहा हूं। अगर सही एंगल और सही टेक्नीक रहे तो मैं और दो-तीन मीटर और आगे जा सकता हूं। ये मेरा सपना है और मैं इसे ज़रूर पूरा करूंगा।”
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर दूर भाला फेंक स्वर्ण पदक हासिल किया था।
उड़न सिख मिल्खा सिंह को समर्पित किया गोल्ड
खिलाड़ियों को मिलने वाले सरकारी समर्थन के बारे में नीरज चोपड़ा ने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि किसी देश का प्रधानमंत्री अपने खिलाड़ियों का इतना सहयोग कर रहा है।
नीरज चोपड़ा आजाद भारत में एथलेटिक्स में देश को ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलाने वाले अब तक के पहले खिलाड़ी हैं। साथ ही वो टोक्यो ओलंपिक में भारत की तरफ़ से गोल्ड मेडल जीतने वाले भी अकेले खिलाड़ी हैं।
इससे पहले साल 2008 में एयर राइफ़ल शूटर अभिनव बिंद्रा ने भारत के लिए पहली बार किसी ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता है।
पिछले 100 वर्षों में भारत को एथलेटिक्स में कोई गोल्ड मेडल नहीं मिला था। इससे पहले मिल्खा सिंह, पीटी उषा और अंजू बॉबी जॉर्ज थोड़े-थोड़े अंतर से पदक से चूक गए थे।
गोल्डन बॉय चोपड़ा ने अपना गोल्ड मेडल मिल्खा सिंह और उन भारतीय एथलीट्स को समर्पित किया है जो थोड़े अंतर से मेडल पाने से चूकते रहे।