Navratri 2021: कब से शुरु है शारदीय नवरात्र, जानिए सारी बात

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नई दिल्ली। हिंदु धर्म के लोगों का बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार होता है नवरात्र। हिंदी पंचाग के मुताबिक साल में 4 बार नवरात्रि आती है। लेकिन इसमें मुख्य रूप से 2 नवरात्रि को अधिक महत्व दी जाती है। वहीं, बाकी दो नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि की संज्ञा दी गई है। बता दें कि दो मुख्य नवरात्रियों में चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि होती है।

हिंदी पंचांग के मुताबिक शारदीय नवरात्रि की शुरुआत अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। वहीं, कैलेंडर के अनुसार, वर्ष 2021 की शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार से शुरू होगी और 15 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार को खत्म होगी। पुराणों में शारदीय नवरात्रि का काफी महत्व बताया गया है। लोग नवरात्रि के दौरान भक्ति भाव से मां दुर्गा की आराधना करते है। घरों में कलश स्थापना कर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है।

खिर क्यों किया जाता है कलश स्थापना

नवरात्रि में पूजा करने और व्रत रखने के साथ ही कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि कलश स्थापना के बिना पूजा अधूरी रह जाती है। नवरात्रि व्रत और पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है। शास्त्रों के मुताबिक नवरात्रि का पहला दिन अति महत्वपूर्ण होता है। प्रतिपदा तिथि यानी नवरात्रि के पहले दिन ही शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि कलश को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। इसलिए नवरात्रि पूजा से पहले घट स्थापना या कलश की स्थापना की जाती है।

शास्त्रों में कलश को विश्व ब्रह्मांड का, विराट ब्रह्म का, भू-पिंड (ग्लोब) का प्रतीक माना जाता है। यह शांति और सृजन का संदेशवाहक भी होता है। ऐसी मान्यता है कि संपूर्ण देवता कलशरूपी पिंड या ब्रह्मांड में व्यष्टि या समष्टि में एक साथ समाहित हैं। वे सभी देवता एक हैं और ये एक ही शक्ति से जुड़े हुए है। कलश ये बताता है कि वस्तुत: एक देववाद का ही एक रूप है। एक माध्यम में, एक ही केंद्र में समस्त देवताओं को देखने के लिए कलश की स्थापना की जाती है।

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