हेलिकॉप्टर क्रैश के आखिरी सिपाही वरुण सिंह पहले भी दे चुके मौत को चकमा, प्रिंसिपल को लिखी थी चिट्ठी

Group Captain Varun Singh
नई दिल्ली: 12 अक्टूबर 2020 को विंग कमांडर(तब) वरुण सिंह लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के साथ उड़ान पर थे। तभी अचानक विमान में खराबी आ गई। अब ऐसी परिस्थिति में उनके सामने विमान से कूदने के अलावा कोई चारा न था लेकिन उस समय वो किसी रिहायशी इलाके के ऊपर से गुजर रहे थे जिसके कारण उन्होंने अपनी जान दांव पर लगा कर विमान को सुरक्षित इलाके में उतारा।
उनके इस अदम्य साहस के लिए 15 अगस्त को राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। उसके बाद वरुण सिंह नीलगिरी हिल्स में बतौर टेस्ट पायलट नियुक्त थे। फिलहाल घटना के समय वरुण सिंह ग्रुप कमांडर के तौर पर काम कर रहे थे।
राष्ट्रपति से शौर्य चक्र मिलने के बाद वरुण सिंह ने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी जिसमें उन्होंने अपने छात्र- जीवन के बारे में बताया था।
उन्होंने चिट्ठी में लिखा था, मैं एक औसत छात्र था लेकिन औसत होना बुरा नही होता।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने आगे लिखा, मैंने जैसे- तैसे बारहवीं कक्षा पास की थी, खेल-कुद में भी मैं औसत था, लेकिन ऐरोप्लेन और एविशन को लेकर मेरा जज्बा अलग था।
उन्होंने चिट्ठी में एक जगह लिखा कि सब कोई 90 % स्कोर नही कर पाते लेकिन ये नंबर जीवन का पैमाना नही है। कई रुचि के कार्य किए जा सकते हैं जिसमें अपना बेहतर दे सकने की क्षमता हो।