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क्रेडिट फ्रेमवर्क अपनाने में तेजी दिखाएं विश्वविद्यालय, UGC ने जारी किया प्रक्रिया का मसौदा

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New Delhi : विश्वविद्यालयों सहित देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में संचालित सभी कोर्सों को जल्द-से-जल्द नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के दायरे में लाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पहल तेज की है। इसके प्रभावी अमल के लिए आयोग ने एक मानक प्रक्रिया भी तैयार की है। उसे अंतिम रूप देने से पहले विश्वविद्यालयों से इसे लेकर सुझाव मांगे गए है।

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यूजीसी ने 13 सदस्यीय एक कमेटी भी गठित की है

इसके अतिरिक्त क्रेडिट फ्रेमवर्क के प्रभावी अमल के लिए यूजीसी ने 13 सदस्यीय एक उच्चस्तरीय कमेटी भी गठित की है, जो फ्रेमवर्क के अमल से जुड़ी किसी भी दिक्कत में संस्थानों को सहयोग देगी। यूजीसी ने यह पहल तब तेज की है, जब फ्रेमवर्क तैयार होने के बाद भी उच्च शिक्षण संस्थान इसके अमल में रुचि नहीं दिखा रहे थे। हालांकि, इसके पीछे बड़ी वजह इसके अमल से जुड़ी दिक्कतें थीं। यूजीसी ने संस्थानों की दिक्कत को समझते हुए इसके अमल की एक मानक प्रक्रिया तैयार की है। जिसमें किसी कोर्स के क्रेडिट अंक का निर्धारित किस आधार पर किया जाना है इसको आसानी से निर्धारित किया जा सकता है।

25 जनवरी तक सुझाव देने को कहा है

यह क्रेडिट फ्रेमवर्क इसलिए अहम है, क्योंकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत क्रेडिट अंकों के आधार पर ही छात्र किसी दूसरे कोर्स में दाखिला ले सकेगा। यूजीसी ने इस बीच सभी विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों से फ्रेमवर्क के अमल को लेकर तैयार किए मसौदे को लेकर 25 जनवरी तक सुझाव देने को कहा है। मौजूदा समय में देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में 16 सौ से ज्यादा कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। जो कला, विज्ञान, तकनीक व कौशल विकास आदि क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार किए क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत प्रत्येक कोर्स को क्रेडिट अंक के साथ जोड़ दिया गया है।

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