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न्याय तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में तकनीक एक रणनीतिक कदम : डीवाई चंद्रचूड़

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Rajkot : सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायपालिका में तकनीक को शामिल करना न सिर्फ आधुनिकीकरण के बारे में है, बल्कि न्याय तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम भी है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिए वकीलों को भी प्रशिक्षित करने की जरूरत है।

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चंद्रचूड़ ने क्या कहा?   

यहां एक नए जिला अदालत भवन के उद्घाटन के मौके पर सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इन प्रगतियों का लाभ उठाने से अंतर को पाटने, दक्षता बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी कि न्याय वितरण भौगोलिक और तकनीकी बाधाओं से बाधित न हो। जिला अदालतों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि वे न्याय के अधिकार को हासिल करने में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, और एक ऐसे समाज की कल्पना करने में हमारे संविधान के आदर्शों की आधारशिला हैं, जहां प्रत्येक नागरिक को न्याय का अधिकार सुनिश्चित किया जाता है।

प्रशिक्षण कक्ष को दूरंदेशी सुविधा बताया  

राजकोट में नए जिला अदालत भवन के बारे में बात करते हुए उन्होंने आधुनिक ऑडियो-वीडियो उपकरणों और प्रणालियों से लैस एक सम्मेलन कक्ष और एक प्रशिक्षण कक्ष को दूरंदेशी सुविधा बताया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह सर्वोच्च न्यायालय के अदालत कक्ष में लागू हाइब्रिड और ऑनलाइन कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम के साथ मेल खाता है। जिसमें बदलते समय के साथ न्याय के त्वरित वितरण के लिए प्रौद्योकियों का लाभ उठाया जाता है।

एक रणनीतिक कदम है

सीजेआई ने कहा कि न्यायपालिका के अंदर प्रौद्योगिकी को अपनाना न केवल आधुनिकीकरण के बारे में नहीं है। बल्कि, यह न्याय तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। हमारा उद्देश्य इनका लाभ उठाकर अंतर को पाटना, दक्षता बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना है कि न्याय वितरण भौगोलिक और तकनीकी बाधाओं से बाधित न हो।

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