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सुप्रीम कोर्ट ने PFI की बैन को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज

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New Delhi: भारत विरोधी गतिविधियों के लिए यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन PFI को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने PFI की याचिका सुनने से मना कर दिया है। पीएफआई ने याचिका में बैन को चुनौती दी थी।

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हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की है आजादी

शीर्ष न्यायालय ने याचिका को सुनने से मना करते हुए कहा कि यह मामला पहले उच्च न्यायालय में जाना चाहिए था। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि आपको हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की आजादी है। केंद्र सरकार के प्रतिबंध की पुष्टि करने वाली यूएपीए ट्रिब्यूनल के आदेश के विरुद्ध पीएफआई ने याचिका खारिज की थी।

पीएफआई के वकील ने कोर्ट के विचार से व्यक्त की सहमति

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि पीएफआई के लिए न्यायाधिकरण के आदेश के विरुद्ध पहले हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना उचित होगा। पीएफआई की ओर से पेश वकील श्याम दीवान ने कोर्ट के विचार से सहमति व्यक्त की, कि संगठन को पहले हाई कोर्ट का रुख करना चाहिए था। फिर, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में आना चाहिए था। इसके बाद पीठ ने याचिका खारिज कर दी। किंतु, पीएफआई को उच्च न्यायालय जाने का मौका दिया।

पीएफआई पर लगाया था 5 वर्ष के लिए प्रतिबंध

PFI ने अपनी याचिका में UAPA ट्रिब्यूनल के 21 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी। जिसके तहत केंद्र सरकार के 27 सितंबर 2022 के निर्णयों की पुष्टि की गई थी।

केंद्र सरकार ने आईएसआईएस जैसे ग्लोबल आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संबंधों और भारत में सांप्रदायिक नफरत फैलाने के प्रयास के लिए पीएफआई पर 5 वर्ष के लिए प्रतिबंध लगाया था।

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