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कौन हैं ‘सीता’ और ‘अकबर’, दोनों बेजुबान, जिनके साथ रहने पर छिड़ा विवाद, हाईकोर्ट में भी याचिका दायर

Siliguri Forest Lions Who are 'Sita' and 'Akbar', both are speechless, garbage dispute over living together, also listed in the High Court

Siliguri Forest Lions Who are 'Sita' and 'Akbar', both are speechless, garbage dispute over living together, also listed in the High Court

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Siliguri Forest Lions Names Controversy: 

पति-पत्नी के बीच झगड़े, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, मारपीट, भ्रष्टाचार जैसे कई मामले हाईकोर्ट के दरवाजे तक पहुंचते देखे होंगे, लेकिन कभी नामों को लेकर हुआ विवाद हाईकोर्ट में पहुंचा (Siliguri Forest Lions) हो, सुना है। नहीं तो अब सुनिए, अकबर और सीता नाम रखने पर खूब विवाद हो रहा है और विरोध करने वालों ने हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर दी है। याचिका 16 फरवरी को जस्टिस सौगत भट्टाचार्य (Siliguri Forest Lions) की पीठ के सामने दायर की गई, जिस पर सुनवाई 20 फरवरी को होगी। याचिका में मांग की गई है कि नामों को बदला जाए। मामला 2 बेजुबानों से जुड़ा है।

कहां का और क्या है मामला?

दरअसल, मामला पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी का है। जिनके नामों पर विवाद हो रहा है, वे शेर-शेरनी हैं। शेर का नाम अकबर है और शेरनी का नाम सीता है। दोनों को हाल ही में त्रिपुरा के सेपाहिजला जूलॉजिकल पार्क से लाया और सिलिगुड़ी के जंगल में रखा गया है, लेकिन विश्व हिंदू परिषद ने इनके नामों पर आपत्ति जताई है। हिंदू और मुस्लिम नाम वाले शेर-शेरनी साथ-साथ कैसे रह सकते हैं? यह सवाल उठाते हुए विश्व हिंदू परिषद बवाल कर रही है। VHP सदस्यों का कहना है कि ‘अकबर’ की मादा का नाम ‘सीता’ रखना हिंदू धर्म का अपमान करने जैसा है। इसलिए नाम बदलने की मांग की जाती है।

ममता सरकार तक पहुंचेगी जांच

वहीं मामले में राज्य के वन अधिकारियों और सफारी पार्क डायरेक्टर को पक्षकार बनाया गया है। वन अधिकारियों का कहना है कि शेर-शेरनी के नाम सिलिगुड़ी लाने से पहले ही रखे जा चुके थे। बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब जंगली जानवरों के नाम पर देश में विवाद हुआ है औरवह हाईकोर्ट तक पहुंचा है।

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इस केस की जांच पश्चिम गंगाल की ममता बनर्जी की सरकार तक पहुंच सकती है, क्योंकि सीधे सरकार को जवाब देना होगा। वहीं VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट लिखकर मामले को मन झकझोरने वाला बताया। उन्होंने लिखा कि यह जरूर पता चलना चाहिए कि शेर-शेरनी के हिंदू मुस्लिम नाम किसने रखे। इससे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

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