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तीन नए बिलों को अंगीकार करेगी संसदीय समिति, 27 अक्टूबर को होगी बैठक

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नई दिल्ली: गृह मामलों की स्थायी संसदीय समिति (Parliamentary Committee) इसी सप्ताह 27 अक्टूबर को भारतीय दंड संहिता, CRPC और साक्ष्य अधिनियम के 3 आपराधिक कानूनों को हटाने पर बैठक करने वाली है। इसी दिन उनके जगह पर 3 नए बिलों भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल को अंगीकार किया जाएगा। दिल्ली के PHA-Extension के रुम नंबर-दो में 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे यह बैठक आयोजित होगी।

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मसौदा रिपोर्ट पर विचार कर उसे अंगीकार किया जाएगा

इस अवसर पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की 246 मसौदा रिपोर्ट, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की 247 मसौदा रिपोर्ट और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 की 248 मसौदा रिपोर्ट पर चर्चा कर उसे अंगीकार किया जाएगा। संसदीय समिति ने 3 माह तक इन तीनों विधेयकों की समीक्षा की है और विधि आयोग समेत विभिन्न विशेषज्ञों से 11 बैठकों के दौरान राय ली है। इन तीनों विधेयकों को विगत 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किया जा चुका है।

इन तीनों कानूनों से नागरिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी

इन तीनों बिलों को भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860, आपराधिक दंड प्रक्रिया (CRPC) 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के अंग्रेजों के बनाए कानूनों के स्थान पर लाया जाएगा। तीनों नए बिलों को पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि इन तीनों नए कानूनों से संविधान के तहत नागरिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी।

सरकार कर रही है बदलाव

उन्होंने कहा था कि ब्रिटिशकाल के इन कानूनों का उद्देश्य न्याय देना नहीं बल्कि अपने शासन की रक्षा के लिए लोगों को दंडित करना था। किंतु अब सरकार इन मूलभूत पहलुओं में बदलाव कर रही है। इन कानूनों का उद्देश्य जनता को दंडित करना नहीं बल्कि न्याय देना है। इस प्रक्रिया में सजा केवल अपराध को रोकने की भावना से आवश्यकतानुसार दी जाएगी।

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